Haryana

सूरजकुंड मेले में इजिप्ट होगा पार्टनर कंट्री, उत्तर प्रदेश व मेघालय बने पार्टनर स्टेट

हरियाणा के पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा

31 जनवरी से शुरू होगा 39 वां सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला

चंडीगढ़, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के 39 वें संस्करण का आगाज 31 जनवरी 2026 से होगा और 15 फरवरी 2026 तक चलेगा। प्राचीन इतिहास और जीवंत संस्कृति का मिश्रण अरब राष्ट्र मिस्र (इजिप्ट) भागीदार राष्ट्र के तौर पर सूरजकुंड मेले में ऐतिहासिक पिरामिड, लक्सोर के प्राचीन मंदिर, कैरो के जीवंत बाजार से भरपूर प्राचीन व आधुनिक सांस्कृतिक विधाओं से भरपूर पवेलियन सजाएगा, जबकि उत्तर प्रदेश और मेघालय थीम राज्य के तौर पर अपनी कला, संस्कृति और व्यंजनों का विदेशी-देशी पर्यटक लुत्फ उठाएंगे।

विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने रविवार को चंडीगढ़ में जारी जानकारी में बताया कि केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र (विकास आयुक्त, हथकरघा एवं हस्तशिल्प), विदेश एवं सांस्कृतिक मंत्रालय, आईसीसीआर और हरियाणा का पयर्टन विभाग मिलकर सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के 39वें संस्करण का आयोजन 31 जनवरी 2026 से 15 फरवरी 2026 तक करेगा। शिल्पकुंभ में सांस्कृतिक साझेदार के रूप में उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम अपनी अहम भूमिका निभाएगा। कैबिनेट मंत्री डॉ.अरविंद शर्मा ने कहा कि पर्यटन विभाग ने सभी विभागों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।

मेले में भारतीय संस्कृति, विरासत, कला, हस्तशिल्प, कारीगर ही नहीं विदेशी प्रतिभागी भी अपने-अपने देश की हस्तशिल्पियों एवं कारीगरी का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के माध्यम से विभिन्न देशों को सांस्कृतिक, हस्तशिल्प भागीदारी के लिए निमंत्रण भेज दिए हैं।

पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि भागीदार राष्ट्र और थीम राज्यों के प्रामाणिक खाद्य स्टॉल होंगे। साथ ही, भागीदार राष्ट्र और दोनों थीम राज्यों को उनकी कला, हथकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री हेतु विशिष्ट स्टॉल लगाने के लिए विशेष क्षेत्र और स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेले में भागीदार राष्ट्र और थीम राज्य 16 दिन चलने वाले मेले के उद्घाटन, समापन समारोह के साथ-साथ प्रतिदिन अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देंगे। उन्होंने कहा कि पूरे भारत और भाग लेने वाले विदेशी कलाकारों द्वारा हथकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री के लिए 1000 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कैबिनेट मंत्री डॉ.अरविंद शर्मा ने कहा कि सूरजकुंड मेले के दौरान भव्य सांस्कृतिक कार्निवल विशेष आकर्षण होगा, जिसमें प्रतिदिन विभिन्न देशों के कलाकार अपने नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने कहा कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला एक विश्वव्यापी मान्यता प्राप्त आयोजन बन गया है, जो एक सांस्कृतिक संगम के रूप में कार्य करता है। यह वैश्विक सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है और भारत को एक शीर्ष विरासत पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि आगंतुक न केवल कुशल शिल्पकारों द्वारा तैयार प्रस्तुतियां देख पाएंगे, अपितु अनूठे, हस्तनिर्मित उत्पाद खरीद सकेंगे, जिसमें दुर्लभ और लुप्तप्राय शिल्प कृतियां भी शामिल हैं।

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(Udaipur Kiran) शर्मा