
वाराणसी,17 नवंबर (हि.स. )। उत्तर प्रदेश सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्य तथा जनपद वाराणसी के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में प्रभारी मंत्री ने जनपद में गतिमान विभिन्न परियोजनाओं तथा प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में जिले के योगदान को लेकर अफसरों से मंथन किया।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने विभिन्न योजनाएं तथा वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में जिले के योगदान की जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से रखी। जिलाधिकारी ने 2023-24 के आंकडों के आधार पर जनपद वाराणसी के आंकडों को प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्तमान में जिले की जनसंख्या 36.77 लाख (2011 के सेंसस से) है जिसके 2025 तक 43.87 लाख होने का अनुमान है। जिले की वर्तमान जीडीपी 51,036 करोड़ (प्रचलित भावों पर) तथा 29,797 करोड़ (स्थायी भावों पर) है तथा वार्षिक विकास दर 13.8 फीसदी है, जनपद का राज्य जीडीपी में योगदान 1.99 फीसदी है तथा प्रति व्यक्ति आय 103354 रुपये है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले का तृतीयक सेक्टर का वर्तमान आंकड़ा तीस हजार करोड़ का है। जिसको बढ़ाकर एक लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। पर्यटकों की संख्या में 42 प्रतिशत तथा होटल उद्योग में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में जनपद के निर्धारित लक्ष्य 159200 करोड़ के सापेक्ष वर्तमान में जीडीपी 51036 करोड़ को लगभग तीन गुना तक आगे ले जाना होगा जिसके लिये लक्ष्य को टाइम फ्रेम में बिन्दुवार ठोस योजना बनाकर प्राप्त करना होगा। कृषि के बीजों तथा सिंचाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि कृषि उपज को उच्चस्तर पर ले जाया जा सके।
प्रभारी मंत्री ने कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की जीडीपी में योगदान को गुणात्मक रूप से बढ़ाने हेतु जोर दिया। मत्स्य पालन की विभिन्न योजनाओं के बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार की जरूरत है ताकि कृषि से संबद्ध क्षेत्रों को नयी ऊचाईयां दी जा सकें जो हमारे जीडीपी को उचित योगदान दे। उन्होंने जनपद के वर्तमान आकड़ों में तीन गुना बढ़ोत्तरी करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि, पशुधन, वानिकी, मत्स्य में विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने अर्थव्यवस्था को गति देने हेतु तात्कालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य तैयार करने तथा माइक्रोप्लानिंग कर कृषि एवं आनुषंगिक क्षेत्रों पर फोकस करने के निर्देश भी दिये। प्रभारी मंत्री ने कहा कि वन विभाग जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रति महीने कम से कम 100 वृक्ष जरूर लगाएं जिससे एग्रोफॉरेस्ट्री का विकास हो। भट्ठा की संख्या, उनका सर्वे तथा उनके द्वारा खनन की बिन्दुवार समीक्षा करके जिलाधिकारी अगले 15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी अभियान, पीएम स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना का उचित प्रचार-प्रसार करके लोगों को उसका लाभ देना सुनिश्चित करें। प्रभारी मंत्री ने डिप्टी आरएमओ को निर्देशित किया धान खरीद को शासन के पॉलिसी के अनुसार किसान के पॉकेट में पैसा जाना सुनिश्चित हो, बिचौलियों को हर हाल में दूर रखा जाये, सरकार की मंशा पर कोई आंच न आये।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों की रिपोर्टिंंग शुद्धता से करने को कहा तथा उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ ही टेक्नोलॉजी के प्रयोग हेतु भी निर्देशित किया। दलहन, तिलहन की फसलों पर भी विशेष फोकस की आवश्यकता है। प्रभारी मंत्री ने जिलाधिकारी को विभिन्न उद्योगों की सिक यूनिट की स्वतः समीक्षा कर उनके रिवाईबल पर ध्यान देने को निर्देशित किया। प्राथमिक सेक्टर को बढ़ाने हेतु राजकीय कृषि प्रक्षेत्र पर सीड पार्क की स्थापना, फसलों के बीज मिनीकिट का कृषकों के मध्य निःशुल्क वितरण, कृषि उत्पादों का निर्यात, एग्रीटेक स्टार्टअप, गोदाम, शीतगृह की स्थापना, कृत्रिम गर्भाधान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठक में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
बैठक में महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, राय धर्मेंद्र सिंह, विधायक डॉ अवधेश सिंह, त्रिभुवन राम, सौरभ श्रीवास्तव, डॉ सुनील पटेल, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल आदि भी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी