मुंबई, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुंबई के जीटीबी नगर के सायन कोलीवाड़ा स्थित सिंधी शरणार्थियों की 25 इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है. अब निवासियों की सहमति की शर्त हटा दी गई है. इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने जीआर जारी कर दिया है।
इस प्रोजेक्ट के पुनर्विकास के लिए मेसर्स कीस्टोन रियल्टर्स (रुस्तमजी ग्रुप) को विकासकर्ता नियुक्त किया गया है। करीब 11 एकड़ में फैली इस कॉलोनी में सिंधी शरणार्थियों की 25 इमारतों में लगभग 1,200 फ्लैट थे। इसके अलावा, शेष खाली जमीन पर 200 झोपड़ियां थीं. साल 2020 में मुंबई मनपा ने इन इमारतों को खतरनाक घोषित कर दिया था। इसके के बाद इमारतों को गिरा दिया गया था। साथ ही झोपड़े भी तोड़ दिए गए थे। निवासियों को कहीं और शिफ्ट होना पड़ा था। तब से वे लोग अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले, एक डेवलपर ने उनके पास पुनर्विकास का प्रस्ताव रखा था। लोगों ने हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अदालत ने उन्हें राहत नहीं दी।
राज्य सरकार ने इस परियोजना को महाराष्ट्र आवास क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के माध्यम से विकसित करने का फैसला किया है। इस मामले में, म्हाडा ने निर्माण व विकास एजेंसी के तहत पुनर्विकास प्रक्रिया शुरू की है। सरकारी निर्णय दिनांक 04 जुलाई 2019 के अनुसार कार्यवाही करनी होगी और इस संबंध में म्हाडा को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार