
प्रयागराज, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने रविवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों को अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में किरायेदारी-पट्टा विलेखों पर 10 वर्ष तक प्रभार्य स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रीकरण फीस में छूट के विषय में कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश की किरायेदारी व्यवस्था को सरल, सुरक्षित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने बताया कि अब तक अधिकांश लोग अज्ञानतावश 100 रूपये के स्टाम्प पर मकान एवं दुकान के किराएनामे में नोटरी करा लेते थे, जो न्यायालय में उनके अधिकार को सिद्ध करने हेतु वैध नहीं होता था। इस व्यवस्था से किरायेदारी विलेखों की रजिस्ट्री बढ़ेगी, विवाद कम होंगे और नागरिकों को अनावश्यक कानूनी जटिलताओं से राहत मिलेगी।
प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आहूत कैबिनेट बैठक में प्रदेश में 10 वर्ष तक की अवधि के किरायेदारी-पट्टा विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रीकरण फीस में बड़े स्तर पर छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इससे आम नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और किरायेदारी व्यवस्था पारदर्शी एवं व्यवस्थित रूप से लागू हो सकेगी।
मंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के अनुसार एक वर्ष से अधिक अवधि वाले किरायेदारी विलेखों का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है। जबकि व्यवहार में अधिकांश लीज विलेख या तो मौखिक होते हैं या रजिस्ट्री नहीं कराई जाती। अभी तक स्टाम्प अधिनियम की व्यवस्था के अनुसार किराएनामे पर तय औसत वार्षिक किराए के एवं अवधि के अनुसार शहरी क्षेत्र में 4 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 2 प्रतिशत स्टाम्प देय दिया होता है। किन्तु 100 रुपए पर नोटरी कराने के कारण विभागीय अधिकारियों द्वारा की जाने वाली जांचों में ऐसे मामलों में स्टाम्प वाद दर्ज होते हैं तथा स्टाम्प शुल्क की वसूली की जाती है। इस स्थिति को सुधारने तथा उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अधिनियम, 2021 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने यह राहतकारी कदम उठाया है।
उन्होंने बताया कि व्यापक जनहित में एक वर्ष तक के मानक किरायानामा विलेखों को प्रोत्साहित करने तथा 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायनामों की रजिस्ट्री सुनिश्चित करने के लिए स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रीकरण फीस की अधिकतम सीमा तय की गई है। इससे किरायेदारों और भवन स्वामियों पर आर्थिक बोझ कम होगा तथा किरायानामा औपचारिक रूप से रजिस्टर्ड कराने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। औसत वार्षिक किराया अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सीमा में आने वाले किरायानामा विलेखों पर यह छूट लागू होगी। साथ ही टोल संबंधी पट्टों एवं खनन पट्टों को इस राहत से मुक्त रखा गया है, क्योंकि इनमें राजस्व हानि की आशंका अधिक रहती है। वार्ता के समय उप महानिरीक्षक निबंधन प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज सुरेश त्रिपाठी, सहायक महानिरीक्षक निबंधन प्रयागराज राकेश चन्द्र एवं प्रयागराज के समस्त उपनिबंधक गण उपस्थित रहे।
निर्धारित अधिकतम स्टाम्प शुल्क एवं रजिस्ट्रीकरण फीस (10 वर्ष तक के किरायानामा विलेखों पर लागू)ः-
–औसत वार्षिक किराया रुपये 2,00,000 तक
–1 वर्ष तक स्टाम्प शुल्क 500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 500 रुपए
–1 से 5 वर्ष स्टाम्प शुल्क 1,500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 1,500 रुपए
–5 से 10 वर्ष स्टाम्प शुल्क 2,000 रूपए, रजिस्ट्री शुल्क 2,000 रुपए
–औसत वार्षिक किराया रुपये 2,00,001 से 6,00,000 तक
–1 वर्ष तक स्टाम्प शुल्क 1,500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 1,500 रुपए
–1 से 5 वर्ष स्टाम्प शुल्क 4,500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 4,500 रुपए
–5 से 10 वर्ष स्टाम्प शुल्क 7,500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 7,500 रुपए
–औसत वार्षिक किराया रुपये 6,00,001 से 10,00,000 तक
–1 वर्ष तक स्टाम्प शुल्क 2,500 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 2,500 रुपए
–1 से 5 वर्ष स्टाम्प शुल्क 6,000 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 6,000 रुपए
–5 से 10 वर्ष स्टाम्प शुल्क 10,000 रुपए, रजिस्ट्री शुल्क 10,000 रुपए है।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र