Uttar Pradesh

महारानी लक्ष्मीबाई जयंती की पूर्व संध्या पर रानी झांसी की गौरव गाथा का आयोजन

पत्रकारों को जानकारी देते आयोजक

–बुंदेलखंड गौरव फाउंडेशन के तत्वावधान में देश के प्रसिद्ध किस्सागोई डॉ. हिमांशु बाजपेई व डॉ. प्रज्ञा शर्मा देंगे प्रस्तुति

झांसी, 16 नवम्बर (Udaipur Kiran) । इतिहास में शौर्य और पराक्रम की जीवन्त प्रतिमूर्ति वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि उत्तर प्रदेश के झांसी में उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम रानी झांसी की गौरव गाथा का आयोजन होने जा रहा है ।

सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था बुन्देलखण्ड गौरव फाउंडेशन द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई जन्मोत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के विषय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष जय करन सिंह व अधिवक्ता कुमार वैभव तिवारी ने बताया कि यह आयोजन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस, त्याग और मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण की स्मृति में किया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन 18 नवम्बर को अपराह्न 2:30 बजे से पं० दीनदयाल उपाध्याय सभागार में महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती की पूर्व संध्या पर किया जाएगा। अगले दिन बुधवार को प्रातः 9 बजे लक्ष्मी तालाब के बीच स्थापित महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।

इस अवसर पर महारानी लक्ष्मीबाई के वंशज योगेश राव नेवालकर सहित अनेक गणमान्य अतिथि, इतिहासकार, साहित्यकार, कलाकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन संघर्ष, स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान एवं शौर्यगाथा पर आधारित रानी झाँसी की गौरव गाथा की प्रस्तुति देश के सुप्रसिद्ध किस्सागो डॉ० हिमांशु बाजपेई और डॉ० प्रज्ञा शर्मा द्वारा की जाएगी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य झांसी की रानी के आदर्शों, त्याग, साहस और देशभक्ति की भावना को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है ताकि उनके बलिदान से राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा प्राप्त होती रहे।

उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड गौरव फाउंडेशन बुन्देलखण्ड क्षेत्र की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर के संरक्षण तथा संवर्धन हेतु कार्यरत एक स्वैच्छिक संस्था है। संस्था का उद्देश्य बुन्देलखण्ड की लोकसंस्कृति, लोकगीत, लोकनृत्य, चित्रकला और पारंपरिक कलाओं का संरक्षण एवं प्रचार करना है। इसके साथ ही संगठन पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल-जंगल-जमीन की रक्षा, शिक्षा, साक्षरता और महिला सशक्तिकरण के लिए भी विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा।

संस्था द्वारा क्षेत्र के इतिहासकारों, शिक्षकों, कलाकारों और समाजसेवियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाना तथा स्थानीय कला और साहित्य के संवर्धन के लिए पुस्तकालय, लेखन प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक आयोजन किए जाने हैं। संस्था द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित प्रमुख गतिविधियों में महारानी लक्ष्मीबाई जयंती उत्सव, वीर-स्त्री सम्मान समारोह, बुन्देलखण्ड के शौर्य नायकों की गौरव गाथाओं पर लेखन और नाट्य मंचन प्रतियोगिताएं, पर्यावरण एवं महिला सशक्तिकरण से संबंधित जनजागरण अभियान तथा क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े प्रकाशन एवं संगोष्ठियां प्रमुख हैं।

बुन्देलखण्ड गौरव फाउंडेशन का मानना है कि वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई केवल झाँसी की ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की प्रेरणा हैं। उनका जीवन साहस, बलिदान और मातृभूमि के प्रति समर्पण का अमिट उदाहरण है। संस्था का यह प्रयास है कि रानी झांसी की गौरव गाथा के माध्यम से नई पीढ़ी में देशभक्ति, स्वाभिमान और सामाजिक चेतना का प्रसार हो तथा बुन्देलखण्ड की गौरवशाली सांस्कृतिक पहचान और अधिक सशक्त बने। पत्रकार वार्ता में रसकेन्द्र गौतम,राहुल कुशवाहा,एड. रजनी जैन उज्ज्वल शरण श्रीवास्तव व अजय गौतम आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया