Jharkhand

बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी और गैंगस्टर के बीच सांठगांठ की जांच के लिए एनआईए को लिखा पत्र

फाइल फोटो भाजपा

रांची, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक पत्र लिखकर राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा गिरोह के बीच कथित सांठगांठ की व्यापक जांच की मांग की है।

बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच एनआईए से कराने के लिए एजेंसी के महानिदेशक (डीजी) को पत्र लिखा है और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की संप्रभुता और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताते हुए मामले में तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।

इस पत्र में मरांडी ने लिखा है कि ‘कोयलांचल शांति समिति (केएसएस)’ नाम का एक मुखौटा संगठन गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के नेतृत्व वाले संगठित आपराधिक गिरोह के तहत काम कर रहा है, जो लम्बे समय से हत्या, ठेकेदारी, ट्रांसपोर्टर, डॉक्टर, वकील और व्यापारियों से जबरन वसूली और अवैध हथियारों के व्यापार जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त रहा है।

मरांडी ने आरोप लगाया है कि यह नेटवर्क मूलतः एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट है, जिसके सीमा पार राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से जुड़े होने का भी संदेह है। अपने पत्र में उन्होंने सुजीत सिन्हा गिरोह की कथित अंतरराष्ट्रीय हथियार आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे चिंताजनक पहलू बताया है।

मरांडी के अनुसार, इस गिरोह पर पंजाब के मोगा ज़िले में ड्रोन से गिराए जाने वाले हथियार ख़रीदने का आरोप है। ये हथियार दुश्मन पड़ोसी देश पाकिस्तान से आ रहे हैं, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए सीधा ख़तरा है।

अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़ और हथियारों की खरीद

मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि विश्वसनीय आरोप हैं कि सुजीत सिन्हा गिरोह पंजाब के मोगा जिले में ड्रोन से गिराए गए हथियारों की खरीद कर रहा है और ये हथियार शत्रु पड़ोसी देश पाकिस्तान से प्राप्त किए गए हैं। ये गतिविधियां और गैंगस्टर प्रिंस खान (जो अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल है) के साथ गिरोह के कथित संबंध, भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए एक सीधा और गंभीर खतरा पैदा करते हैं।

पुलिस-आपराधिक सांठगांठ

पत्र में लिखा गया है कि हाल ही में रांची पुलिस ने गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया। मामले के बाद की जांचों में कथित तौर पर उनके मोबाइल फोन से डेटा एक्सेस किया गया, जिससे झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), अनुराग गुप्ता के साथ सीधा और अत्यधिक संदिग्ध संबंध होने का संकेत मिलता है।

पूर्व डीजीपी द्वारा केएसएस का संचालन

नेता प्रतिपक्ष ने पत्र में रिया सिन्हा और गिरोह के अन्य सदस्यों से पूछताछ के दौरान प्राप्त विश्वसनीय जानकारी के आधार पर यह आरोप लगाया गया है कि सुजीत सिन्हा गिरोह वास्तव में अनुराग गुप्ता के इशारे पर चलाया और संचालित किया जा रहा था। इसके अलावा, आपराधिक मुखौटा संगठन कोयलांचल शांति समिति (केएसएस) की स्थापना और कार्यप्रणाली कथित तौर पर पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता द्वारा जबरन वसूली को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी। यह भी आरोप है कि अनुराग गुप्ता को जबरन वसूली की गई राशि का एक निश्चित प्रतिशत दिया जा रहा था।

बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उक्त चिंताजनक घटनाक्रम एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ वाले आपराधिक सिंडिकेट के बीच चौंकाने वाली सांठगांठ को उजागर करते हैं। मैं एनआईए से अनुरोध करता हूं कि वह तत्काल संज्ञान ले और उक्त विशिष्ट मामलों की गहन, निष्पक्ष और समयबद्ध जांच शुरू करे।—————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे