Delhi

रोहिणी के स्पा में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, छह नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया

नई दिल्ली, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी दिल्ली के रोहिणी के एक शापिंग मॉल में चल रहे स्पा सेंटर पर मारे गए छापे में 14 से 17 साल की उम्र की छह नाबालिग लड़कियां मुक्त कराया गया है। इन लड़कियों से जबरन वेश्यावृत्ति कराई जा रही थी। एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) की सूचना पर उत्तरी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त ने रोहिणी के स्पेशल स्टाफ के साथ संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी की। कार्रवाई में एवीए और बाल विकास धारा जैसे गैरसरकारी संगठन भी शामिल थे। इस कार्रवाई में तीन ग्राहकों और स्पा सेंटर के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। जबकि पांच बालिग महिलाओं को भी मुक्त कराया गया। दक्षिणी रोहिणी पुलिस थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई।

मुक्त कराई गई लड़कियां उप्र और पश्चिम बंगाल की है। अधिकारियों ने बताया कि लड़कियों ने स्पा में नौकरी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल ‘वर्क इंडिया’ के जरिए आवेदन किया था। जांच व पूछताछ के दौरान खुद के 18 साल से ज्यादा उम्र की होने का दावा करने वाली एक लड़की के पास कई आधार कार्ड बरामद हुए। इससे यह आशंका जाहिर की जा रही है कि इसके पीछे कोई अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिकिंग गिरोह है जो इन पोर्टलों की आड़ में अपना धंधा चला रहा है। पिछले कुछ वर्षों में बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के साथ पड़ोसी देशों से भी बहुत से कमजोर परिवारों के बच्चों को महानगरों में लाकर देह व्यापार में धकेल दिया गया।

एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन ने संदेह के आधार पर मंगलम पैलेस में ‘क्रिस्टल ब्यूटी स्पा सेंटर’ की छानबीन शुरू की और पाया कि इसकी आड़ में सेक्स रैकेट चल रहा था और पड़ोसी राज्यों से ट्रैफिकिंग के जरिए लाई गई नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार कराया जाता था। छानबीन करने गई टीम ने पाया कि एक बिचौलिया खुलेआम नाबालिग लड़कियां मुहैया कराने के लिए 7500 रुपये मांग रहा था। एवीए ने तुरंत उत्तरी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त विजय सिंह को इस बाबत सतर्क किया जिन्होंने तत्काल छापे की कार्रवाई शुरू की।

इसकी प्रक्रिया और समन्वय के बारे में एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, “संयुक्त पुलिस आयुक्त विजय सिंह की त्वरित और रणनीतिक कार्रवाई यह दिखाती है कि जब सिस्टम दृढ़ विश्वास के साथ काम करता है, तो क्या-कुछ संभव है। लेकिन यही तत्परता हमेशा निचले स्तरों तक नहीं पहुंच पाती। ट्रैफिकिंग और इस तरह के रैकेट केवल छिटपुट कार्रवाइयों से ध्वस्त नहीं होंगे। वास्तविक परिवर्तन तभी आएगा जब अधिकारी हर स्तर पर बच्चों की सुरक्षा के प्रति यही प्रतिबद्धता दिखाएं और यह तत्परता अपवाद नहीं, बल्कि नियम बन जाए।”

एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन 451 जिलों में बाल संरक्षण के लिए काम कर 250 से अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन है।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी