
– 8-9 जनवरी 2026 को राजकोट में आयोजित की जाएगी
गांधीनगर, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुजरात सरकार मेहसाणा, राजकोट, सूरत और वडोदरा में चार वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ़्रेंसेस (वीजीआरसी) का आयोजन कर रही है। ये कॉन्फ़्रेंसेस जनवरी 2027 में प्रस्तावित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट से पहले आयोजित की जा रही हैं, ताकि प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट क्षमताओं को वैश्विक मंच पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया जा सके। हर कॉन्फ़्रेंस का उद्देश्य क्षेत्रीय विकास की गति को और तेज करना, निवेश के नए अवसरों को बढ़ावा देना तथा समावेशी और संतुलित प्रगति को सुदृढ़ बनाना है।
राज्य सूचना विभाग ने बताया कि प्रत्येक रीजनल कॉन्फ़्रेंस से पूर्व जिला-स्तरीय एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें स्थानीय अवसरों, सफलता की कहानियों, नवाचारों और उभरती संभावनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसी क्रम में, द्वितीय वाइब्रेंट रीजनल कॉन्फ़्रेंस (वीजीआरसी) का आयोजन 8 और 9 जनवरी 2026 को राजकोट में होने जा रहा है। स्थानीय उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने के उद्देश्य के साथ यह सम्मेलन व्यापक बाज़ार पहचान, रणनीतिक सहयोग और नई साझेदारियों को प्रोत्साहित करने का सशक्त मंच प्रदान करेगा।
कॉन्फ़्रेंस में कृषि, खनन, पर्यटन और औद्योगिक विकास जैसे प्रमुख विषयों पर केंद्रित सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रतिभागियों के लिए एमएसएमई कॉन्क्लेव, रिवर्स बायर–सेलर मीट, प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर जैसी गतिविधियाँ भी होंगी, जो निवेश, नेटवर्किंग और व्यवसायिक अवसरों को विस्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
साथ ही दिसंबर 2025 के दौरान अमरेली, भावनगर, बोटाद, देवभूमि द्वारका, गिर-सोमनाथ, जामनगर, जूनागढ़, कच्छ, मोरबी, पोरबंदर और सुरेंद्रनगर जिलों में जिला-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य स्थानीय क्षमताओं, अवसरों और पहलों को नए स्तर पर प्रसारित करना है।
आगामी 8–9 जनवरी 2026 को राजकोट में आयोजित होने वाला द्वितीय वाइब्रेंट रीजनल कॉन्फ़्रेंस सौराष्ट्र और कच्छ दोनों क्षेत्रों की क्षेत्रीय आकांक्षाओं को नई गति देगा। कच्छ और सौराष्ट्र अपनी भौगोलिक विविधता, समृद्ध प्राकृतिक विरासत और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं के लिए विशेष पहचान रखते हैं, जहाँ पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक आर्थिक प्रगति का संतुलित मेल देखने को मिलता है।
यह क्षेत्र अपने समुद्री इतिहास और कांडला व मुंद्रा जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों के कारण देश के प्रमुख लॉजिस्टिक्स, व्यापार और ग्रीन शिपिंग केंद्रों में से एक है। पेट्रोकेमिकल्स, सेरामिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में यह प्रदेश अग्रणी रहा है, जिसे अत्याधुनिक अवसंरचना और नवाचार-प्रधान नीतियों का मजबूत सहयोग प्राप्त है। साथ ही, आध्यात्मिक एवं विरासत पर्यटन सर्किट यहां परंपरा और व्यवसाय-उन्मुख गतिविधियों के बीच एक अनूठा और संतुलित समन्वय स्थापित करते हैं।
राजकोट में आयोजित होने वाले द्वितीय वाइब्रेंट रीजनल कॉन्फ़्रेंस में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए कई उच्च-प्राथमिकता वाले सेक्टरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनमें सेरामिक्स, इंजीनियरिंग, पोर्ट्स एवं लॉजिस्टिक्स, मत्स्य उद्योग, पेट्रोकेमिकल्स, एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग, खनिज, ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम, कौशल विकास, स्टार्टअप्स, एमएसएमईएस, पर्यटन एवं संस्कृति जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
इसके साथ ही, सेरामिक, कॉटन और प्लास्टिक के निर्यात, ब्रास कंपोनेंट्स, समुद्री खाद्य प्रसंस्करण, तटीय पर्यटन और अन्य उभरते क्षेत्रों में उपलब्ध उत्कृष्ट व्यावसायिक अवसरों को भी इस सम्मेलन के माध्यम से और अधिक गहनता से समझा, प्रदर्शित और विस्तारित किया जाएगा। यह सम्मेलन इन सेक्टरों में निवेश, नवाचार और क्षेत्रीय विकास के नए द्वार खोलने का महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2025 में नॉर्थ गुजरात के मेहसाणा में प्रथम वाइब्रेंट रीजनल कॉन्फ़्रेंस का अत्यंत सफल आयोजन किया गया। इस सम्मेलन के परिणामस्वरूप 1,264 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें कुल ₹3.25 लाख करोड़ के प्रस्तावित निवेश शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad