Uttar Pradesh

लैंड बैंक विस्तार के लिए प्लग एंड प्ले मॉडल लागू करें, एमएसएमई इकाइयों के लिए होगा उपयोगी : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी

-एमएसएमई इकाइयों को त्वरित सुविधा देने पर मुख्यमंत्री का फोकस

लखनऊ, 15 नवम्बर(Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए लैंड बैंक के विस्तार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को त्वरित सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्लग एंड प्ले मॉडल को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए पर्याप्त और सतत उपलब्ध भूमि सुनिश्चित करने के लिए लीज़ रेंटल मॉडल को रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह मॉडल उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है और इसी आधार पर विस्तृत नीति तैयार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस नीति का मुख्य फोकस एमएसएमई क्षेत्र पर हो, ताकि छोटे और मध्यम उद्योग बिना अतिरिक्त जटिलताओं के तुरंत उत्पादन शुरू कर सकें।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में औद्योगिक भूमि की दरें अपेक्षाकृत अधिक हैं और खासकर एनसीआर से जुड़े जिलों में यह दबाव अधिक महसूस होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि की लागत उद्योगों के विस्तार, तकनीकी उन्नयन और नई इकाइयों की स्थापना के मार्ग में प्रमुख बाधा है। इसी कारण एमएसएमई के लिए किफायती आकार के भूखंडों और तैयार औद्योगिक शेड उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नए मॉडल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि उद्योग भूमि खरीद और निर्माण सम्बंधी प्रक्रियाओं में समय और संसाधन खर्च करने के बजाय सीधे उत्पादन, मशीनरी स्थापना और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लग एंड प्ले मॉडल के अंतर्गत औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपनी भूमि का स्वामित्व बरकरार रखते हुए उस पर तैयार औद्योगिक शेड विकसित करेंगे या सार्वजनिक निजी सहभागिता के माध्यम से निर्माण कराया जाएगा। इन शेडों को उद्योगों को पूर्वनिर्मित उपयोग योग्य परिसर के रूप में किराये पर उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मॉडल को पीपीपी की डीबीएफओटी संरचना के तहत लागू किया जा सकता है। इसमें निजी क्षेत्र डिज़ाइन, निर्माण, वित्त और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा जबकि भूमि स्वामित्व और नियामकीय नियंत्रण प्राधिकरण के पास रहेगा। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू शेयरिंग आधारित लीज़ रेंटल व्यवस्था से प्राधिकरण को स्थायी आय सुनिश्चित होगी और उद्यमियों को बिना भूमि खरीद के चरणबद्ध तरीके से उद्योग विस्तार का अवसर मिलेगा। यह मॉडल एमएसएमई के वित्तीय जोखिम को कम करेगा और उन्हें व्यवसाय संचालन में अधिक लचीलापन प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रस्तावित नीति में उद्योग को दीर्घकालिक स्थिरता और स्पष्टता मिले जबकि भूमि का नियंत्रण राज्य के पास सुरक्षित रहे। रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था सरल, पारदर्शी और औद्योगिक विकास के लिए सहायक होनी चाहिए ताकि राज्य की भूमि सम्पदा का अधिकतम और उचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला