Chhattisgarh

धमतरी : भगवान बिरसा मुंडा ने जमीन की लड़ाई लड़ी थी : देवनाथ नेताम

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाते हुए समाजजन।
कार्यक्रम के दौरान समूह में बैठे हुए समाजजन।

धमतरी, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर सर्व आदिवासी समाज के कुरुद द्वारा आदिवासी भवन कुरुद के प्रांगण में जनजागरण अभियान के तहत कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। कुरुद तहसील अध्यक्ष देवनाथ नेताम ने कहा कि भारत में बाहरी हुक्मरानों ने यहां के मूलनिवासियों को उनकी अपनी ही जमीन से बेदखल कर दिया था, इसी अन्याय के विरुद्ध झारखंड के युवा बिरसा मुंडा ने 19वीं शताब्दी के अंत में जमीन की लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने आगे कहा कि पूरे भारत में भगवान बिरसा मुंडा के नाम से सम्मानित इस महान क्रांतिकारी ने अपने क्षेत्र में आजादी की लड़ाई लड़ते हुए अंग्रेजों की गिरफ्त में आकर मात्र 25 वर्ष की आयु में देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती हमें अपने हक और अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।

आदिवासी भवन कुरुद के प्रांगण में जनजागरण अभियान के तहत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए भूपेंद्र नेताम, गोंड समाज कुरुद के पूर्व तहसील अध्यक्ष, ने कहा कि मूलनिवासी समाज आज खंड-खंड में बंटकर आंदोलन कर रहा है, जबकि यदि पूरा समाज एकजुट हो जाए तो बड़ी से बड़ी लड़ाई भी जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अंग्रेजों के समय जमींदारों और सामाजिक ठेकेदारों की प्रताड़ना का सामना आदिवासी समाज को करना पड़ा, वैसी ही सामाजिक व्यवस्था के दुष्प्रभाव आज भी महसूस किए जा रहे हैं। इसलिए बिरसा मुंडा के आंदोलन और उसकी मूल भावना को समझना समय की आवश्यकता है। सर्व आदिवासी समाज धमतरी के जिला अध्यक्ष जीवराम्बन लाल मरई के नेतृत्व में समाज ने अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर कुरुद एसडीएम को महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान बीएस गबंटे, ललित ठाकुर, तेजराम छेदेया, बसंत नगारची, श्यामसुंदर ध्रुव, फलेदर नेताम, रामायण ध्रुव, संतोष मोरी, वसंत ध्रुव, क्षागेश्वर ध्रुव, कलीगम मरकाम, अशोक कुमार दीवान, जागेश्वर कंवर, सावन मांडवी, माधुराम कंवर, महित सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाजजन उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा