Jharkhand

बोकारो स्टील प्लांट : राष्ट्र निर्माण और झारखंड की विकास यात्रा का सशक्त स्तंभ

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बोकारो, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर बोकारो स्टील प्लांट ने अपने गौरवशाली इतिहास, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के साथ राज्य एवं राष्ट्र के समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। करीब छह दशक पूर्व स्थापित यह संयंत्र न सिर्फ भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का चौथा एकीकृत इस्पात प्लांट है, बल्कि झारखंड की औद्योगिक पहचान का मजबूत आधार भी है। 1965 में तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग से आकार लेना शुरू हुआ बोकारो स्टील प्लांट 2 अक्टूबर 1972 को पहले ब्लास्ट फर्नेस की कमीशनिंग के साथ उत्पादन यात्रा पर अग्रसर हुआ। 1978 में तीसरे ब्लास्ट फर्नेस के साथ प्रथम चरण की 1.7 एमटी इनगॉट स्टील उत्पादन क्षमता पूरी हुई। निरंतर आधुनिकीकरण के बाद आज इसकी तरल इस्पात क्षमता 4.65 मिलियन टन तक पहुंच चुकी है।

स्थापना से वर्ष 2024-25 तक प्लांट 15.40 करोड़ टन क्रूड स्टील का उत्पादन कर चुका है, जो इसकी तकनीकी दक्षता और झारखंड के श्रमिकों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। फ्लैट प्रोडक्ट्स के देश के प्रमुख उत्पादक के रूप में बोकारो स्टील हॉट रोल्ड कॉइल्स, प्लेट्स, कोल्ड रोल्ड कॉइल्स, गैल्वेनाइज्ड शीट्स का विश्वसनीय स्रोत है। इसके उत्पाद ऑटोमोबाइल, पाइप-ट्यूब, इंजीनियरिंग और सामरिक क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करते हैं। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप सेल और बोकारो स्टील प्लांट विशेष ग्रेड स्टील और क्षमता विस्तार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / अनिल कुमार