Uttar Pradesh

नवाचार को अपनाकर खेती बाड़ी का कायाकल्प होगा : मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

कार्यशाला को संबोधित करते मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग तथा गन्ना विभाग की ओर से “विकसित उत्तर प्रदेश-समर्थ उत्तर प्रदेश 2047” के संकल्प को साकार करने हेतु उद्यान निदेशालय, सप्रू मार्ग, लखनऊ में स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उद्यान व गन्ना क्षेत्र के विकास, तकनीकी उन्नयन, मूल्य संवर्धन, औद्यानिक फसलों की संभावनाओं, निर्यात वृद्धि और 2047 के लक्ष्य हेतु रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।

इस अवसर पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की बागवानी एवं गन्ना क्षेत्र की क्षमता को दोगुना विकसित करने तथा 2047 के आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अनुसंधान, नवाचार, मूल्य संवर्धन एवं क्लस्टर-आधारित विकास को तीव्र गति देनी होगी। उत्तर प्रदेश की कृषि भूमि व किसानों के अनुभव को देखते हुए बागवानी फसलों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती की तुलना में औद्यानिक फसलें कम क्षेत्र में अधिक मूल्य देती हैं। उद्यान विभाग ने 50 वर्ष पूर्ण करके उल्लेखनीय कार्यों से अपनी पहचान बनाई है।

उद्यान मंत्री ने कृषि विविधीकरण, औषधीय, मसाले, फूलों और संरक्षित खेती को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर सरकार विशेष सहयोग दे रही है, जिससे किसानों का मूल्य संवर्धन और निर्यात क्षमता बढ़ेगी। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण एवं रेशम विभाग बी0एल0 मीणा ने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान देकर उनके प्रयासों को सतत प्रोत्साहित कर रही है। औद्यानिकी एवं गन्ना क्षेत्र के लिए राज्य की दीर्घकालिक रणनीतियों, निवेश प्राथमिकताओं और संस्थागत समन्वय पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन