Uttar Pradesh

बच्चों को प्रकृति और ग्रामीण जीवन से जोड़ना हमारी प्राथमिकता : जयवीर सिंह

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह

लखनऊ, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने बाल दिवस (14 नवंबर) के अवसर पर बच्चों को प्रकृति और संस्कृति से जोड़ने की पहल की है। ग्रामीण पर्यटन और इको-टूरिज्म को एक सूत्र में पिरोते हुए विभाग ने विद्यार्थियों को ग्रामीण जीवनशैली, स्थानीय व्यंजन और वन्य जीवों एवं प्रकृति से सीधा जुड़ने का अवसर प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग ईको टूरिज्म, युवा पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन और रिस्पांसिबल टूरिज्म की अवधारणा को में लेकर आगे बढ़ रहा है। ये बच्चे ही भविष्य के ब्रांड एम्बेसडर हैं, जो आने वाले समय में पर्यटन को विस्तार देने में अहम भूमिका निभायेंगें।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड बाल दिवस पर विद्यार्थियों को प्रकृति के सबसे करीब ले जाने वाला एक अनोखा अनुभव देने जा रहा है। लखनऊ के गवर्नमेंट इंटर जुबिली कॉलेज के लगभग 30 छात्र-छात्राएं दुधवा की प्रसिद्ध ‘विस्टाडोम ट्रेन सफारी’ का अनुभव करेंगे। बिछिया से शुरू होने वाली यह विशेष यात्रा उन्हें तराई के घने जंगलों, घास के मैदानों और वेटलैंड्स के बीच से होकर मैलानी तक ले जाएगी, जहां हर मोड़ पर प्रकृति का मंत्रमुग्ध कर देने वाला सौंदर्य उनका स्वागत करेगा। सामान्यतः शनिवार और रविवार को संचालित होने वाली विस्टाडोम सेवा के अनुरूप यह भ्रमण कल 15 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि युवाओं को पर्यटन से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में ‘युवा पर्यटन क्लब’ स्थापित किए गए हैं। अब तक 1,500 से अधिक क्लब बनाए जा चुके हैं, जिनसे 30,000 से ज्यादा विद्यार्थी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। कक्षा 6 से 12 तक के छात्र इन क्लबों का हिस्सा हैं और समय-समय पर ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा उन्हें प्रदेश के प्रमुख जंगलों, पक्षी विहारों और प्राकृतिक धरोहरों का भ्रमण कराया जाता है। इसी क्रम में इस बार विद्यार्थियों को विस्टाडोम ट्रेन से दुधवा के आसपास के जंगलों की समृद्ध जैव विविधता को देखने का अवसर मिलेगा।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने ग्रामीण पर्यटन के तहत विकसित किए गए ईको-सिस्टम के अध्ययन हेतु सुल्तानपुर के कादीपुर स्थित त्रिभुवन एकेडमी के लगभग 75 छात्र नंदगांव पहुंचे। छात्रों ने स्थानीय पारंपरिक वास्तुकला, कृषि-आधारित ग्रामीण जीवनशैली तथा औषधीय एवं स्थानीय पौधों की विभिन्न प्रजातियों का नज़दीक से अवलोकन किया। इस दौरान बच्चों ने अपने अनुभवों को विस्तृत नोट्स के रूप में दर्ज किया। स्कूली छात्रों ने बताया कि पर्यटन विभाग की पहल ने उन्हें गांवों की जीवन-शैली, स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों की गहन व व्यवहारिक समझ प्रदान की।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन