
रांची, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) मुख्यालय, में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक जनवरी से 15 नवंबर, 2025 तक चल रहे जनजातीय गौरव वर्ष-2025 के अंतर्गत गुरुवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अवसर विशेष पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर सीसीएल सरना समिति के सदस्यों ने मुख्य अतिथियों निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी और विशिष्ठ अतिथियों का स्वागत पारंपरिक सरना गमछा से किया। कार्यक्रम डॉ मनोज अगरिया (नोडल अधिकारी, झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी, रांची) और प्रेमचंद उरांव (असिस्टेंट प्रोफेसर, कार्तिक उरांव महाविद्यालय, गुमला) विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे। वहीं, डॉ प्रीति तिग्गा (गांधीनगर अस्पताल) ने स्वागत संबोधन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में जनजातीय परंपराएं हमारी अमूल्य धरोहर हैं। भारत सरकार की ओर से एक से 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा मनाया जा रहा है। ताकि देश भगवान बिरसा मुंडा जैसे वीर सपूतों के योगदान को याद कर सके।
निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है, उनका जीवन आत्मरक्षा, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का संदेश देता है।
निदेशक (तकनीकी/संचालन) सीएस तिवारी ने कहा कि झारखंड हरियाली और जनजातीय संस्कृति से परिपूर्ण प्रदेश है। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। किसी को भगवान का दर्जा यूं ही नहीं मिलता, उन्होंने आदिवासी समाज में स्वतंत्रता की चेतना जगाई।
कार्यक्रम में धरती आबा बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसे उपस्थित लोगों ने सराहा।
इसके बाद लोक कलाकारों और उनकी टीम ने स्थानीय भाषाओं में लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसने कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak