
कोरबा, 12 नवम्बर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ सरकार के निरंतर प्रयासों से कोरबा जिला आज स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई पहचान बना चुका है। जिले में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत आधार दिया है। अब अस्पतालों में लंबी कतारें अतीत की बात हो गई हैं, और मरीजों को समय पर गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल रहा है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी के अनुसार, वर्ष 2000 की तुलना में अब जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उप स्वास्थ्य केंद्र 197 से बढ़कर 285, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 29 से बढ़कर 40, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 3 से बढ़कर 7 और शहरी स्वास्थ्य केंद्र 30 हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में बेड की संख्या 364 से बढ़ाकर 856, डॉक्टरों की संख्या 99 और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 876 हो गई है। एंबुलेंस सेवाएं 1 से बढ़कर 29 तक पहुंची हैं। प्रसव सुविधा केंद्र 230 से बढ़कर 333 हो गए हैं और शिशु मृत्यु दर 62 से घटकर 48 हो गई है।
स्व. बिसाहू दास मंहत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ी है। इसके अलावा, जिले के पांचों ब्लॉकों में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी), बर्न यूनिट और शिशु केयर यूनिट (एसएनसीयू) संचालित हैं।
टीबी जांच दर 4 से बढ़कर 44 प्रतिशत और टीकाकरण दर 46 से बढ़कर 96.36 प्रतिशत तक पहुंची है। डेंटल यूनिट 7, आई यूनिट 8 और ब्लड बैंक की संख्या 6 हो गई है। जांच सुविधाओं में भी बड़ा विस्तार हुआ है — एक्सरे 7 स्थानों पर और सीटी स्कैन की सुविधा अब उपलब्ध है।स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कोरबा जिले को कई राज्य स्तरीय पुरस्कार मिले हैं। “संपूर्ण अभियान” के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन और कई संस्थाओं को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
इन उपलब्धियों के साथ कोरबा अब स्वास्थ्य सेवाओं में छत्तीसगढ़ का मॉडल जिला बनकर उभरा है — जहां बेहतर संसाधन, आधुनिक तकनीक और सुलभ उपचार ने स्वास्थ्य क्रांति को वास्तविक रूप दिया है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी