
धमतरी, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । तहसील कुरुद, भखारा एवं मगरलोड क्षेत्र के राजस्व न्यायालयों में व्याप्त अव्यवस्था और अनियमितताओं के विरोध में कुरुद अधिवक्ता संघ ने निर्णय लेते हुए 11 नवंबर से अनिश्चितकालीन रूप से राजस्व न्यायालयीन कार्यवाही का बहिष्कार प्रारंभ कर दिया है।
अधिवक्ता संघ ने बताया गया कि कुरुद अनुभाग के अंतर्गत आने वाले राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली को लेकर लंबे समय से शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। संघ ने कई बार संबंधित अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया, किंतु सुधार न होने पर यह कदम उठाया गया। संघ की बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि जब तक तहसील स्तर पर व्याप्त अव्यवस्था और अनियमितताओं का निराकरण नहीं किया जाता, तब तक कुरुद अधिवक्ता संघ के सदस्य किसी भी राजस्व न्यायालयीन कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे।
संघ ने अपने पत्र में प्रमुख समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रतिलिपि शाखा द्वारा अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को समय पर सत्यापित प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई जातीं। राजस्व प्रकरणों का समय पर पंजीयन नहीं होता और निर्णय महीनों तक लंबित रहते हैं। तहसील लिपिकों पर गलत जानकारी देकर अनुचित राशि वसूलने के आरोप लगे हैं। नोटिस तामील में अत्यधिक विलंब किया जाता है। लंबे समय से एक ही लिपिकों की पदस्थापना होने से प्रभाव का दुरुपयोग हो रहा है। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष रमेश पाण्डेय और पदाधिकारियों ने बताया कि इन शिकायतों के समाधान के लिए कई बार आवेदन प्रस्तुत किए गए, परंतु प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक प्रशासन आवश्यक सुधारात्मक कदम नहीं उठाता, तब तक कुरूद, भखारा और मगरलोड तहसीलों सहित लिंक कोर्ट मगरलोड की राजस्व न्यायालयीन कार्यवाही से अधिवक्ता संघ के सदस्य पूर्णतः दूरी बनाए रखेंगे। संघ ने चेतावनी दी है कि समस्याओं के निराकरण तक यह अनिश्चितकालीन बहिष्कार जारी रहेगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा