Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि हादसे के बाद कौन से सुरक्षा उपाय किए गए

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर पुलिस कमिश्नर से पूछा है कि हादसे के बाद कौन से सुरक्षा उपाय किए गए

जबलपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । इंदौर में कुछ दिन पहले हुए दर्दनाक ट्रक हादसे को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस और प्रशासन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने सवाल उठाया कि जब उस क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है, तो ट्रक वहां पहुंचा कैसे। अदालत ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को 19 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होकर बताने के निर्देश दिए हैं कि हादसे के बाद कौन से सुरक्षा उपाय किए गए हैं। अदालत ने साफ कहा कि अगर अगली सुनवाई तक संतोषजनक रिपोर्ट नहीं मिली, तो सख्त आदेश जारी किए जाएंगे।

न्यायमित्र विवेक शर्मा ने कहा कि हादसे के बाद भी पर्याप्त सुरक्षा कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शहर के संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए विशेष निगरानी टीम बनाई जाए। हाईकोर्ट ने इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

इंदौर में हुए इस हादसे ने पूरे शहर को झकझोर दिया था। नो-एंट्री जोन में घुसे तेज रफ्तार ट्रक ने कई लोगों को कुचल दिया, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 35 लोग घायल हुए। ट्रक में आग लगने से स्थिति और भयावह हो गई। घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल एक्शन लेते हुए आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया और मृतकों के परिजनों को 4 लाख व घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक