
जयपुर, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । चातुर्मास के चार माह में क्षीर सागर में योग निद्रा में लीन जगत के पालनहार श्री श्रीहरि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में जाग्रत होंगे। देवालयों में शंख-घंटा-घडिय़ाल बजाकर उतिष्ठ उतिष्ठ गोविंदों…मंत्र के साथ जगाया जाएगा। इसके बाद गुनगुने जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। मुख्य आयोजन आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में होगा। मंगला झांकी के बाद देवउठनी एकादशी पूजन होगा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। देवउठनी एकादशी के विशेष पूजन के बाद धूप झांकी खोली जाएगी। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे। दर्शनार्थियों की भारी भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए निर्जला एकादशी एवं दीपावली उत्सव की भांति विशेष दर्शन व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के कारण दर्शन का समय बढ़ाया गया है। मंगला और शयन झांकी का समय अधिक बढ़ाया गया है। श्रद्धालुओं को ठाकुरजी के दर्शन करने में किसी प्रकार की परेशानी न इसके लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया है।
प्रवेश केवल मुख्य द्वार से:
दर्शनार्थियों का प्रवेश केवल मंदिर मुख्य द्वार से होगा। जय निवास बाग से प्रवेश पूर्णत: निषेध रहेगा। मंदिर परिसर में जूता-चप्पल खोलने की कोई व्यवस्था नहीं होगी। दर्शनार्थियों के लिए दो अलग-अलग लाइनें रहेंगी
जूता-चप्पल सहित भक्तगण बाहर बने रैंप से दर्शन कर सकेंगे। बिना जूता-चप्पल वाले भक्तगण मंदिर छावन में दर्शन कर सकेंगे। भक्त दर्शन कर बड़ी परिक्रमा करते हुए मंदिर मुख्य द्वार से निकास करेंगे।
जय निवास उद्यान से ये लोग आएंगे:
कंवर नगर और ब्रह्मपुरी से आने वाले भक्त जय निवास उद्यान, जनता मार्केट से होते हुए मुख्य द्वार से प्रवेश कर श्री चिंताहरण हनुमानजी मार्ग से निकास करेंगे। यह व्यवस्था 2 नवम्बर को मंगला से शयन झांकी तक प्रभावी रहेगी। नि:शुल्क जूता घर बंद रहेगा।
बढ़ाया झांकियों का समय:
मंगला दर्शन प्रात: 04:00 से 05:30 बजे तक
देवउठनी एकादशी पूजन
प्रात: 06:15 बजे से (इस अवधि में ठाकुर श्रीजी दर्शन पट मंगल रहेंगे)
धूप दर्शन प्रात: 07:30 से 09:00 बजे तक
श्रृंगार दर्शन प्रात: 09:30 से 10:15 बजे तक
राजभोग दर्शन प्रात: 10:45 से 11:45 बजे तक
ग्वाल झांकी शाम 04:30 से 05:15 बजे तक
संध्या झांकी शाम 05:45 से 07:30 बजे तक
शयन झांकी रात्रि 08: 00 से 08: 30 बजे तक
इन मंदिरों में भी आज एकादशी
पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी के सान्निध्य में एकादशी उत्सव मनाया जाएगा। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर जी मंदिर में महंत मलय गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर जी का वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार का सुबह पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इससे पूर्व मंगला में शंख-घंटा बजाकर ठाकुरजी को उठाने के भाव के पदगायन कर उठाया जाएगा। रामगंज बाजार के लाड़लीजी सहित अन्य वैष्णव मंदिरों में रविवार को एकादशी उत्सव मनाया जाएगा।
आज होंगे तुलसी-शालिग्राम विवाह
उदियात तिथि के अनुसार रविवार को घर-मंदिरों में तुलसीजी और शालिग्रामजी का विवाह होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जो दंपत्ति कन्या-दान का अवसर नहीं पा सके, वे तुलसी का कन्यादान करके अत्यंत पुण्य अर्जित कर सकते हैं। शाम को दीपदान करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में देवोत्थान एकादशी का व्रत हजार अश्वमेध यज्ञों और सौ राजसूय यज्ञों के बराबर बताया गया है। इस दिन विष्णु सहस्रनाम, भगवद्गीता, अष्टाक्षर या द्वादशाक्षर मंत्र का जप विशेष फलदायी होता है। रात्रि में जागरण कर कीर्तन करने से जीवन में सुख, समृद्धि, संतान एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यदि कोई अन्न का पूर्ण त्याग न कर सके, तो केवल चावल का त्याग करना पर्याप्त है।
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(Udaipur Kiran)