
धमतरी 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । अंचल में हुई बेमौसम बारिश से तैयार हो रही व कटाई के योग्य तैयार हो गई फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। किसान संभावित नुकसान का आंकलन लगा रहे हैं। जिले के चारों ब्लाक में एक सा हाल है। किसान उपज सहेजने में जुटे हुए हैं। उधर कृषि विभाग ने फसल को बीमारियों से बचाने एहतियात बरतने की सलाह दी है।
जिले में मौसम में आए अचानक बदलाव को देखते हुए असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में कलेक्टर ने किसानों से अपील की है कि वे फसल कटाई का कार्य मौसम की स्थिति को देखते हुए ही करें। खेतों में कटाई के बाद रखे गए धान के करपा को सुरक्षित स्थान पर (मेड़ों पर या खरही जमाकर) रखें, ताकि वर्षा के पानी से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि धान की खड़ी फसल में अत्यधिक वर्षा से होने वाली क्षति बीमा कवरेज के अंतर्गत नहीं आती, परंतु कटाई उपरांत रखी फसल 14 दिनों तक फसल बीमा के दायरे में आती है। यदि किसी किसान की फसल कटाई के बाद असामयिक वर्षा या ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त होती है, तो किसान भाई बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 1800-419-0344 या 14447 पर क्षति होने के 72 घंटे के भीतर सूचना देना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। इसके साथ ही किसान संबंधित कृषि या राजस्व विभाग के मैदानी अमले तथा बैंक शाखा को भी लिखित में सूचना दें, ताकि खेतों का मौके पर निरीक्षण कर नुकसान का सही आकलन किया जा सके और शासन के प्रावधानों के अनुसार बीमा क्षतिपूर्ति की कार्यवाही समय पर की जा सके। कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि किसान फसल बीमा योजना का अधिकतम लाभ उठाएं और समय पर जानकारी देकर अपनी मेहनत की फसल को सुरक्षित रखें।
खरीफ मौसम में धमतरी जिले में लगभग 1.38 लाख हेक्टेयर में किसानों द्वारा धान की फसल ली गई है। वर्तमान में प्रारंभिक किस्म की धान की कटाई शुरू हो चुकी है। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पेनिकल माइट, तना छेदक तथा भूरा माहू जैसे कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे अपने खेतों का नियमित निरीक्षण करते रहें, ताकि कीट-व्याधि के लक्षणों की पहचान कर समय पर नियंत्रण किया जा सके।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पेनिकल माइट के प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में पत्तियों पर आंख जैसे छोटे धब्बे बनते हैं, जिनका अंदरूनी भाग भूरा तथा बाहरी किनारा गहरा भूरा होता है। धीरे-धीरे ये धब्बे मिलकर बड़े हो जाते हैं और पौधे पीले पड़ने लगते हैं। आगे चलकर यह कीट गांठ और वालियों पर हमला कर उन्हें काला और कमजोर बना देता है, जिससे दाने नहीं भरते तथा वालियां टूटने लगती हैं। इसकी रोकथाम के लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर कृषि दवा का छिड़काव करें।
अंचल में हुई बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ। इस बारिश से ग्राम छाती, डांडेसरा, सेमरा, सेनचुवा, बिजनापुरी, बोड़रा, कसही, हंकारा, अंगारा, खम्हरिया, जुनवानी, डोमा, गुजरा, बिरेतरा, रावनगुडा, धौराभाठा, लिमतरा, सम्बलपुर, पुरी, गोपालपुरी, कांशिपुरी, सरसोंपुरी, सहित समस्त गांव के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। क्योंकि वर्तमान में फसल कटाई का काम प्रारंभ हो चुका है। कई किसानों ने फसल काटकर खेतों में ही छोड़ दिया है। किसानों ने कहा कि इस बेमौसम बारिश से उनकी सारी मेहनत में पानी फिर गया। बिजनापुरी के किसान नरेश पटेल, बोडरा के महेश पाल, भागी ठाकुर, कसही के नीलू चंद्राकर, देवनंदन पटेल, हंकारा के महेंद्र साहू, शंकर साहू, डाही के परस ठाकुर, चंद्रहास मंडावी, डेरहा राम गौतम ने बताया कि इस तेज हवा व बारिश से खेतों में तैयार फसल लेट गई है जिससे फसल को भारी नुकसान और उत्पादन में कमी का अंदाजा लगाया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा