
लंदन, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । साहित्य जगत का विश्व प्रसिद्ध ‘बुकर पुरस्कार’ इस बार हंगेरियाई मूल के ब्रिेतानी लेखक डेविड स्ज़ेले काे उनकी पुस्तक ‘फ्लेश के लिए प्रदान किया गया है। यह पुस्तक हंगरी के मजदूर वर्ग से जुड़े एक व्यक्ति की ब्रिटेन के उच्च वर्ग में शामिल हाेने के संघर्ष की कहानी हैै।
51 वर्षीय स्ज़ेले ने ब्रिटेन के एंड्रयू मिलर और भारतीय लेखिका किरण देसाई सहित पाँच अन्य ‘फाइनलिस्टों’ को हराकर यह प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार जीता। पुरस्कार विजेता को 50,000 पाउंड (66,000 डालर) की राशि मिलती है और इससे पुस्तक की बिक्री और लोकप्रियता में भी भारी वृद्धि होती है।
आयरलैंड के लेखक रॉडी डॉयल और सेक्स एंड द सिटी स्टार सारा जेसिका पार्कर सहित निर्णायक मंडल के सभी सदस्याें ने 153 उपन्यासों में से उनकी कृति काे चुना ।
डॉयल ने कहा कि फ्लेश — जीवन और जीवन की विचित्रता के बारे में एक ऐसी पुस्तक है जिसे पाँच घंटे की बैठक के बाद निर्णायकों की सर्वसम्मति से विजेता चुना गया।
स्ज़ेले की किताब में शांत स्वभाव वाले इस्तवान के जीवन का संक्षिप्त और अलंकृत शैली में वर्णन किया गया है, जिसमें किशोरावस्था में एक बड़ी उम्र की महिला के साथ उसके रिश्ते से लेकर ब्रिटेन में एक संघर्षशील अप्रवासी के रूप में उसके सफर का वर्णन शामिल है।
स्ज़ेलेका जन्म कनाडा में मांट्रियल में हुआ था। उनके पिता हंगरी से थे जबकि माता कनाडा से थी। वह लंदन में पले बढ़े जबकि वर्तमान समय में वह विएना में रह रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल