
मंडी, 01 नवंबर (Udaipur Kiran) । सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के इतिहास विभाग द्वारा लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में “राष्ट्र निर्माता सरदार पटेल : प्रशासन, एकता और विकसित भारत–2047” विषय पर एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद सदस्य चंद्रशेखर रहे, जबकि अध्यक्षता कुलगुरु आचार्य ललित कुमार अवस्थी ने की। संगोष्ठी की शुरुआत पारंपरिक विधि से ज्योति प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से वंदे मातरम् गान कर राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के लौहपुरुष और राष्ट्र एकता के सच्चे शिल्पी थे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे पटेल की कार्यशैली, दृढ़ संकल्प और प्रशासनिक दक्षता से प्रेरणा लें। अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरु अवस्थी ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन अनुशासन, संगठन और सेवा का आदर्श उदाहरण है। विकसित भारत–2047 का स्वप्न तभी साकार होगा जब हम उनके मूल्यों को अपनाएँगे।
बीज वक्ता आचार्य सुरेन्द्र डी. सोनी (चुरू, राजस्थान) ने पटेल की राजनीतिक सूझबूझ और रियासतों के एकीकरण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेश कुमार शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, ने कहा कि पटेल का व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
संगोष्ठी संयोजक डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह आयोजन प्रशासन और एकता के पटेल दृष्टिकोण को नए भारत के संदर्भ में समझने का प्रयास है। इस अवसर पर उनके संपादन में प्रकाशित विशेष पुस्तक “लौहपुरुष सरदार पटेल : 150 वर्षों की प्रेरणा, संस्मरण एवं श्रद्धांजलि” का विमोचन भी किया गया।
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा