Madhya Pradesh

मप्रः विदेशी मेहमानों को भा रहे हैं छिन्दवाड़ा के होमस्टे, स्वीडन और यूके के पर्यटकों ने लिया ग्रामीण जीवन का आंनद

स्वीडन और यूके के पर्यटक

छिन्दवाडा, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सतपुड़ा की वादियों में जब पहाड़ों की हवा में महकती मिट्टी की सुगंध घुलती है और ढोल-मांदर की ताल पर गांव जाग उठता है, तब सावरवानी जैसे छोटे से गांव में खुशियों की दास्तान लिखी जाती है। यही दास्तान अब विदेशी मेहमान भी अपने दिल में संजोकर ले जा रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन ग्राम सावरवानी में स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम से आए पर्यटकों ने पिछले चार दिन ऐसे गुजारे, मानो बचपन की सादगी फिर से लौट आई हो।

जनसम्पर्क अधिकारी नीलू सोनी ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम से आए पर्यटकों ने झिरपा के हाट में ग्रामीणों के संग हंसी-ठिठोली की, साड़ी और स्कार्फ खरीदे, सिंघाड़े और देसी मिठाई का स्वाद चखा और बैलगाड़ी की सवारी करते हुए गांव की गलियों में घूमे। उन्होंने बताया कि यहां के होमस्टे सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि भावनाओं का ठिकाना हैं। मक्के की रोटी, बैंगन का भरता और खीर का स्वाद उनके लिए किसी पांच सितारा भोजन से कम नहीं था। गांव की औरतों की मुस्कान, बच्चों की मासूम हंसी और मिट्टी के घरों की सुगंध ने उन्हें अपना बना लिया।

मिट्टी की खुशबू, पगडंडी की चाल, सावरवानी में सजी है अपनेपन की मिसाल।

परदेसियों ने यहां पाया अपना जहां, देसी दिलों ने लिख दी खुशियों की दास्तां।।

दरअसल, कलेक्टर हरेंद्र नारायन और जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार के मार्गदर्शन में सावरवानी को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया गया है। स्वच्छता, बिजली, पानी और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों ने इसे न केवल आकर्षक बनाया है, बल्कि आत्मनिर्भर भी। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और विलेज वे के सहयोग से यहां के होमस्टे अब सांस्कृतिक धरोहर बन चुके हैं, जहां हर ईंट में अपनापन है और हर आंगन में अतिथि देवो भवः की परंपरा जीवित है। सावरवानी में बीते इन चार दिनों ने विदेशी मेहमानों को सिर्फ प्रकृति नहीं, बल्कि भारत की आत्मा से मिलवाया और इस मिलन ने एक नई “खुशियों की दास्तां” लिख दी।

(Udaipur Kiran) तोमर