मुंबई, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में कहा कि राज्य के ज्योतिर्लिंग स्थलों पर वर्षभर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए श्री क्षेत्र भीमाशंकर, श्री क्षेत्र औंढा नागनाथ और श्री क्षेत्र घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए विस्तृत विकास प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि मंदिर परिसरों में जारी कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए और प्रस्तावित परियोजनाओं की समुचित योजना बनाई जाए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अत्याधुनिक एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लागू की जाए और श्रद्धालुओं के लिए उच्चस्तरीय सेवाएं व सुविधाएं विकसित की जाएं।
मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में सोमवार को उनके शासकीय ‘वर्षा’ निवास पर पुणे जिले के श्री क्षेत्र भीमाशंकर, हिंगोली जिले के श्री क्षेत्र औंढा नागनाथ तथा छत्रपति संभाजीनगर जिले के श्री क्षेत्र घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के विकास आराखड़ों की प्रस्तुति के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव विकास खारगे (महसूल), व्ही. राधा (सामान्य प्रशासन), ओ.पी. गुप्ता (वित्त), असीमकुमार गुप्ता (नगर विकास), वेणुगोपाल रेड्डी (उच्च व तांत्रिक शिक्षा) तथा राजेश अग्रवाल (सामान्य प्रशासन) उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वर्तमान और भविष्य में श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को ध्यान में रखते हुए दर्शन व्यवस्था, यात्रा एवं उत्सव काल का नियोजन किया जाए। मंदिर परिसर में प्रतीक्षा कक्ष, पेयजल, आवास व्यवस्था, आंतरिक मार्ग, सफाई, सूचना फलक, पर्यटक स्वागत केंद्र, पार्किंग प्रबंधन, आपातकालीन तंत्र, टिकट काउंटर, स्वास्थ्य सेवाए और उपहारगृह जैसी सुविधाए उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाए प्राथमिकता से लागू की जाएँ और स्थानीय नागरिकों व प्रशासन की सहभागिता से कार्य पूर्ण किए जाए।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ज्योतिर्लिंग स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत सशक्त होनी चाहिए। एआय और अत्याधुनिक तकनीक की मदद से एकीकृत सुरक्षा प्रणाली तैयार की जाए, जिससे आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध हो सके। मंदिर प्रबंधन के लिए सख्त नियम आवश्यक हैं। पर्यटन विभाग को पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से प्रस्तावित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय समिति की मंजूरी के बाद विकास योजनाओं को निधि प्राप्त होगी। पुरातत्व विभाग से मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ अलग बैठक आयोजित की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) यादव