CRIME

पुलिस की चेतावनी: नामी ब्रांड्स की फ्रेंचाइजी दिलाने के बहाने लाखों का चूना लगा रहे साइबर अपराधी

पुलिस की चेतावनी: नामी ब्रांड्स की फ्रेंचाइजी दिलाने के बहाने लाखों का चूना लगा रहे साइबर अपराधी

जयपुर, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय की साइबर क्राइम शाखा की ओर से अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत आमजन को बड़े और भरोसेमंद व्यापारिक ब्रांड्स की डीलरशिप या फ़्रैंचाइज़ी दिलाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के प्रति सचेत किया है।

पुलिस उपमहानिरीक्षक साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि साइबर अपराधी आकर्षक ऑफर और स्कीम का लालच देकर, रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉज़िट और एनओसी शुल्क के नाम पर पैसे ऐंठ रहे हैं। साइबर ठग इस अपराध को अंजाम देने के लिए एक संगठित तरीका अपनाते हैं। ये अपराधी मोबाइल कॉल, ईमेल, या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लोगों से संपर्क कर खुद को संबंधित कंपनी का उच्च अधिकारी बताते हैं।

इसके बाद आकर्षक स्कीम बताकर और डीलरशिप—फ़्रैंचाइज़ी की उपलब्धता सीमित होने का हवाला देकर जल्दी निर्णय लेने का दबाव बनाते हैं। रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉज़िट, या एनओसी शुल्क जैसी विभिन्न शुल्कों की तुरंत मांग करते हैं और उन्हें बताए गए बैंक खाते में जमा करने को कहते हैं। जैसे ही राशि जमा होती है, साइबर ठग अपने फ़ोन नंबर या ईमेल पर जवाब देना बंद कर देते हैं, तब पीड़ितों को ठगी का एहसास होता है।

राजस्थान पुलिस की आमजन को महत्वपूर्ण सलाह

हमेशा डीलरशिप या फ़्रैंचाइज़ी की जानकारी के लिए सीधे ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं। सोशल मीडिया पर दिखने वाले विज्ञापनों पर तुरंत भरोसा न करें। यदि कोई व्यक्ति आपको कॉल करता है, तो उसके नाम, पद, और कर्मचारी आईडी की पुष्टि कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से अवश्य करें। केवल कंपनी के आधिकारिक डोमेन से आने वाले ईमेल पर ही विश्वास करें। धनराशि देने से पहले व्यक्तिगत रूप से कंपनी के आधिकारिक कार्यालय में जाकर पूरी प्रक्रिया और दस्तावेज़ों की पुष्टि करें। धनराशि हमेशा कंपनी के नाम वाले चालू खाते में ही भेजें, किसी व्यक्तिगत बचत खाते में कभी नहीं। अगर मुनाफा या डील अविश्वसनीय रूप से आकर्षक लग रही है, तो समझ लें कि यह एक धोखाधड़ी का जाल हो सकता है।

ठगी का शिकार हो जाते हैं तो क्या करें

डीआईजी शर्मा ने बताया कि यदि आप इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत अपने बैंक को तुरंत इस धोखाधड़ी की सूचना दें ताकि ट्रांसेक्शन को रोका जा सके।

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(Udaipur Kiran)