Maharashtra

केईएम अस्पताल में असुविधा को लेकर भड़के मंत्री लोढ़ा

मुंबई,10 नवंबर (Udaipur Kiran) । मुंबई महानगरपालिका के परेल स्थित केईएम अस्पताल का सोमवार को कैबिनेटमंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने निरीक्षण दौरा किया। अस्पताल में चल रही अव्यवस्था और लापरवाह कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने अस्पताल की डीन डॉ. संगीता रावत से कड़ी पूछताछ की और मरीजों को हो रही असुविधा को लेकर जमकर फटकार लगाई।

मंत्री लोढ़ा ने अस्पताल निरीक्षण के दौरान पाया कि केवल पंजीकरण करवाने के लिए मरीजों औरउनके परिजनों को दो से तीन घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। अस्पताल की पुरानी इमारतदो मंजिला और नई इमारत 13 मंजिला है। कई बार लिफ्ट बंद होने कि वजह से रिश्तेदारो को पेशंट को उठाकर जांच के लिए जाना पडता है। दवाईयों की भी किल्लत है। मंत्री लोढ़ा ने अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर अगले सप्ताह तक मरीजों को समय पर और उचित उपचार नहीं मिला तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मंत्री लोढ़ा ने परोक्ष रूप से शिवसेना (यूबीटी) पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षोंमें बीएमसी की सत्ता में रहे लोगों ने भ्रष्टाचार और दलाली की एक व्यवस्था खड़ी कर दी है, जिसका खामियाज़ा आज भी आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस दौरान मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल की लापरवाहकार्यप्रणाली का पूरा ब्यौरा दिया। निजी लैब्स और मेडिकल टेस्ट कंपनियों के प्रशासनिकअधिकारियों से सांठगांठ होने के गंभीर आरोप लगाए। एमआरआई, सीटी स्कैन, 2D इको, सोनोग्राफी जैसी जरूरी जांच के लिए अस्पतालमें 3 से 6 महीने का लंबा इंतजार है। एमआरआई टेस्ट के लिए वेटिंग मार्च 2026 तक और सीटी स्कैन के लिए जनवरी 2026 तक चल रही है। सोनोग्राफी की स्थिति भी यही है।

परिजनों ने आरोप लगाए कि बाहरी टेस्ट सेंटरों को फायदा पहुंचाने के लिए दलालों के माध्यम से मरीजों को निजी लैब में भेजा जा रहा है। इस पर भी मंत्री लोढ़ा ने डीन डॉ. रावत से सवाल किए। बीएमसी अस्पतालों में पंजीकरण के लिए QR कोड और अन्य डिजिटलीकरण व्यवस्था लागू करने के लिए 556 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है, फिर भी यह व्यवस्था शुरू नहीं हुई। इस पर जब लोढ़ा ने सवाल पूछा तो डीन रावत ने अपर्याप्त कर्मचारियों की वजह बताई। इस दौरान लोढ़ा ने विदेश से मेडिकल शिक्षा लेकर आए डॉक्टरों से मुंबई में डे-केयर सेंटर की रजिस्ट्रेशन के लिए ‘खान’ नामक व्यक्ति द्वारा 25 लाख रुपये मांगे जाने के उदाहरण भी दिए। लोढ़ा ने कहा कि इस पूरे मामले को बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में लाएंगे।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार