
शिमला, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमयी मौत से जुड़े मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को शुक्रवार को जमानत मिल गई है। उनकी जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में सुनवाई हुई, जहां से उन्हें राहत मिली है। पंकज शर्मा को करीब डेढ़ माह बाद जमानत मिली है।
पंकज शर्मा ने विशेष सीबीआई अदालत शिमला के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी और उन्हें 26 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया था। इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में सबसे पहले पंकज शर्मा को ही गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को सीबीआई ने पंकज शर्मा को बिलासपुर जिले के घुमारवीं स्थित उनके पैतृक घर से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने विमल नेगी की जेब से पेन ड्राइव निकाल ली थी और उनका लैपटॉप कब्जे में लेकर उसमें मौजूद महत्वपूर्ण डेटा डिलीट कर दिया था। सीबीआई ने उनके घर से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिन्हें अहम सबूत माना जा रहा है।
मामले के अनुसार घटना के समय पंकज शर्मा किसी भी जांच दल का हिस्सा नहीं थे, फिर भी वे सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे। इसी आधार पर उन पर सबूतों से छेड़छाड़ और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप लगाए गए। पहले उन्हें सीबीआई हिरासत में रखा गया और बाद में कैथू जेल भेज दिया गया था।
उधर, इसी मामले में एचपीपीसीएल के पूर्व प्रबंध निदेशक और आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा पहले से ही अग्रिम जमानत पर हैं।
विमल नेगी की रहस्यमयी मौत का मामला 10 मार्च को सामने आया था, जब वे अचानक लापता हो गए थे। आठ दिन बाद, 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील के किनारे मिला था। परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे और पत्नी किरण नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। अब मामले की अगली सुनवाई में सीबीआई की आगे की रिपोर्ट का इंतजार रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा