Madhya Pradesh

अनूपपुरः मृत बच्चे को सीने से लगाकर घूमती रही बंदरिया, दृश्य देख लोगों आंखें हुई नम

केला खाती सीने से चिपकाये मृत बच्चे  को
केला खिलाती

अनूपपुर, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम के पास किरर घाट में रविवार को ऐसा एक दृश्य देखा गया, जिसे देख हर राहगीर का दिल झकझोर दिया। कहते हैं कि मां की ममता संसार की सबसे बड़ी शक्ति है, जो न जाति देखती है, न प्रजाति। एक बंदरिया अपने मृत बच्चे को सीने से लगाए घंटों तक इधर-उधर घूमती रही, मानो उसे विश्वास ही न हो कि उसका लाडला अब इस दुनिया में नहीं रहा। अपने बच्चे के प्रति उसका प्रेम देख हर कोई भावुक हो गया। जिसे गुजर रहे राहगीरों ने अपने मोबाइलों में कैद कर लिया।

जिले के राजेन्द्रग्राम से पवित्र नगरी अमरकंटक मार्ग पर किरर घाट में बंदरों की भारी संख्या है। यहां से गुजरने वाले राहगीर अक्सर इन बंदरों को केले और खाने की चीजें देकर आगे बढ़ जाते हैं। रविवार को यह क्षेत्र उस वक्त भावुकता से भर गया, जब किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से एक नन्हें बंदर की मौत हो गई। उसकी मां उस दर्दनाक हादसे से अनजान अपने मृत बच्चे को सीने से चिपकाए कभी सड़क किनारे बैठ जाती, कभी खाने की तलाश में इधर-उधर घूमती और बच्चे के मुंह तक केले का टुकड़ा ले जाकर खिलाने की कोशिश करती रही।

वहां से गुजर रहे दीपक मांझी ने बताया कि वह बंदरिया कभी केले का टुकड़ा खुद खाती, तो कभी अपने बच्चे के मुंह तक ले जाकर खिलाने की कोशिश करती रही। उसका यह मातृत्व भाव देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। जिस बच्चे ने दम तोड़ दिया था, उसे भी उसने अपने से जुदा नहीं किया। वह अपने मृत बच्चे को प्यार से सहलाती, मानो उसकी सांसें फिर लौट आएंगी। इस हृदय विदारक नजारे को देखकर वहां मौजूद लोगों ने मां शब्द की असली ताकत महसूस की। कई लोगों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

लोगों का कहना है कि यह तस्वीर सिर्फ एक बंदरिया और उसके बच्चे की नहीं, बल्कि मां की ममता की उस अमर कहानी की झलक है जो इंसान हो या जानवर, हर हृदय में समान रूप से बसती है। किरण घाटी का यह मंजर अब लोगों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित हो गया है। एक मां का अटूट प्रेम, जो मृत्यु के बाद भी अपने बच्चे से जुदा नहीं हुआ।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला