Jharkhand

निजी रंजिश केलिए जनता पर फर्जी मुकदमा कर रही झारखंड पुलिस: बाबूलाल

फाइल फोटो  बाबूलाल मरांडी

रांची, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा निशाना साधा है।

मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर रविवार को लिखा है कि झारखंड में कुछ पुलिस अधिकारी कानून को अपनी निजी रंजिशें निकालने का माध्यम बना चुके हैं। कोई अधिकारी बिहार में अपने पारिवारिक ज़मीन विवाद को लेकर विपक्ष पर झारखंड में झूठा मुकदमा दर्ज कर रहा है, तो कोई मुफ्त में मीट न देने पर दुकानदार पर फर्जी केस थोप रहा है।

उन्होंने कहा कि पतरातू में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां मीट दुकान संचालित करने वाले राजेश साव जी पर पुलिस पदाधिकारियों को मुफ्त में मीट न देने के कारण कथित रूप से आर्म्स एक्ट का झूठा मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपित की पत्नी जांच की मांग कर रही है, जबकि पुलिस का दावा है कि युवक को रात में ‘योजना बनाते’ हुए पकड़ा गया।

उन्होंने कहा कि राजेश साव की पत्नी का कहना है कि उसके पति को फोन कर थाने बुलाया गया था। ऐसे विरोधाभासी बयान खुद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की ओर से विरोधियों पर फर्ज़ी केस लगाकर जेल भेजने की जो कुप्रथा शुरू हुई थी, लगता है अब उसे पुलिस अधिकारियों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि घोटाले के मामले में लगभग 6 महीने जेल काट चुके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शायद यह समझ आ चुका होगा कि शेर को सवा शेर जरूर मिलता है और दूसरों के लिए गड्ढा खोदने का परिणाम क्या होता है। लेकिन पुलिस अधिकारियों को अब तक यह सीख समझ नहीं आ पाई है।

उन्होंने कहा कि रामगढ़ पुलिस उक्त मामले में पीड़िता के आवेदन के आधार पर थाना परिसर की सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स की तुरंत जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई करे।

उन्होंने उच्च न्यायालय से भी निवेदन किया कि पिछले छह वर्षों के दौरान झारखंड में दर्ज हुए आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, राजद्रोह तथा एसएसी-एसटी एक्ट के सभी मामलों की जांच रिपोर्ट की समीक्षा की जाए, ताकि फर्ज़ी केस के माध्यम से आम जनता को प्रताड़ित किए जाने की भयावह सच्चाई उजागर हो सके।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे