
कोलकाता, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि वे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर झूठ फैला रही हैं तथा नागरिकों की मौतों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ममता बनर्जी “झूठ का सहारा लेकर” पनिहाटी के 57 वर्षीय प्रदीप कर और इलामबाजार के 95 वर्षीय खितीश मजूमदार की मौत को एसआईआर और एनआरसी से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं, जबकि तथ्यों का इन घटनाओं से कोई संबंध नहीं है।
मालवीय ने लिखा कि ममता बनर्जी के बेहूदे झूठ पहले ही उजागर हो चुके हैं। अब उन्होंने खुद को एक नई गहराई तक गिरा लिया है। वह 95 वर्ष के बुजुर्ग खितीश मजूमदार की मौत को भी एसआईआर और एनआरसी से जोड़कर सस्ती राजनीति कर रही हैं।
भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि एक 95 वर्षीय व्यक्ति, जो 1930 में भारत में पैदा हुआ, उसे एसआईआर या नागरिकता को लेकर क्यों डर होना चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर तर्क के लिए मान भी लिया जाए कि वह विभाजन के बाद भारत आए हों, तब भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत उन्हें स्वाभाविक रूप से भारतीय नागरिकता का अधिकार प्राप्त था, क्योंकि वे हिन्दू थे।
मालवीय ने आरोप लगाया कि असल जिम्मेदारी ममता बनर्जी की “भ्रष्ट और चरमराई हुई शासन व्यवस्था” की है, जिसने राज्य में भय और भ्रम का माहौल बना रखा है। उन्होंने कहा कि इलामबाजार तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है, जहां स्थानीय नेताओं द्वारा लोगों को डराने और गुमराह करने की शिकायतें आम हैं। उन्होंने सवाल किया, “क्या यह संभव नहीं कि इस बुजुर्ग को तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने झूठी कहानियों और डर का माहौल बनाकर मानसिक रूप से परेशान किया हो? या फिर, वही तृणमूल जिसने नागरिकता संशोधन कानून को बंगाल में लागू न होने देने की घोषणा की है, उसने इस व्यक्ति को उसके अधिकार से वंचित किया हो?”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी की कोशिश केवल भय फैलाकर एसआईआर प्रक्रिया को बाधित करने की है। उन्होंने कहा कि उनकी कहानी न तो तार्किक है, न सच्ची। यह केवल चुनावी फायदा उठाने की कोशिश है, जो बंगाल की जनता की समझ और लोकतंत्र की आत्मा दोनों का अपमान है।
अमित मालवीय ने आश्वासन दिया कि भाजपा सत्ता में आने के बाद ऐसी सभी मौतों की निष्पक्ष जांच कराएगी और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाएगी।———
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर