
जींद, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मानव तस्कर विरोधी ईकाई एवं गैर सरकारी संगठन एमडीडी ऑफ इंडिया ने गुरूवार को सयुंक्त रूप से अभियान चलाते हुए डीआरडीए के सामने की हुडा मार्केट में भिक्षावृत्ति करते हुए पांच बच्चों का रेस्क्यू किया है।
एमडीडी ऑफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले कई दिनों से शिकायतें आ रही थी कि लगभग एक दर्जन छोटे बच्चे डीआरडीए कार्यालय के सामने स्थित मार्केट में भिक्षावृत्ति कर रहे हैं। इनकी उम्र सात वर्ष से लेकर 14-15 वर्ष बताई गई। इन बच्चों से दुकानदार एवं राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। मार्केट में किसी गाड़ी या मोटरसाइकिल के रुकते ही इन बच्चों का दल भीख मांगने के लिए उनका पीछा करने लगता। मार्केट आने वाली महिला ग्राहक तो इस समस्या के चलते काफी परेशान थी। क्योंकि इन बच्चों का दल उनका पीछा करते-करते दुकान में भी घुस जाता था। दुकानदारों और ग्राहकों द्वारा डांटने-फटकारने के बावजूद भी यह बच्चों का दल सुबह से शाम तक मार्केट में भीख मांगने का कम अनवरत जारी रखे हुए था। दीपावली पर्व के मौके पर तो मार्केट में इनको लेकर काफी गंभीर समस्या बनी हुई थी। इसको लेकर कई दुकानदारों एवं ग्राहकों ने शिकायत भी की थी। इसके बाद सयुंक्त दल ने मानव तस्कर विरोधी इकाई के इंचार्ज एएसआई संदीप के नेतृत्व में मार्केट पर नजर रखनी शुरू की। जैसे ही बच्चे भिक्षावृत्ति करने पहुंचे तो पांच बच्चों का रेस्क्यू किया। इन बच्चो में दो लडकियां एवं तीन लड़के शामिल थे। जिनकी उम्र आठ वर्ष से लेकर 15 वर्ष थी। विशेष बात यह थी कि इन बच्चों की दो बड़ी बहनें, जिनकी उम्र लगभग 20 वर्ष थी। उनकी चाची एवं मामी भी इनके साथ रह कर भीख मंगवा रही थी। जो मौके से गायब हो गई।
इन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इन बच्चों के अभिभावकों को बुलवाया गया तथा उन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा सख्त चेतावनी दी गई कि अगर भविष्य में दोबारा भिक्षावृत्ति में संलिप्त पाए गए तो बच्चों को शेल्टर होम भेज कर अभिभावकों के विरुद्ध गंभीर कार्यवाही की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
