
रांची, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । झालसा के निर्देश पर न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष के मार्गदर्शन में गुरुवार को डब्ल्यू जॉन मल्टिपर्पस बोर्डिंग स्कूल, नगड़ी में छात्र-छात्राओं के लिए डॉन अभियान के तहत नशा मुक्ति पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डिप्टी एलएडीसी, राजेश कुमार सिन्हा, लाइफ सेवर्स एनजीओ के प्रमुख अतुल गेरा, इंसपेक्टर सीआईडी रिजवान अंसारी, इंस्पेक्टर एनसीबी संजीत कुमार सहित विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं, रॉटरी क्लब ऑफ रांची, साउथ के सदस्य सहित कई पीएलवी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में राजेश कुमार सिन्हा ने भारतीय संविधान का अनुच्छेद 47 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अफीम या पोस्ता के उत्पादन या कब्ज़े पर एनडीपीएस अधिनियम-1985 के तहत मात्रा के आधार पर 20 साल तक के कठोर कारावास और दो लाख रूपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इस मामले में बार-बार अपराध करने पर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। कांके स्थित पुनर्वास केंद्रों के साथ-साथ एनजीओ भी नशा करने वालों को ठीक करने में मदद करते हैं।
लिगल एड क्लिनिक में होता है नशे का ईलाज
उन्होंने कहा कि सीआईपी और रिनपास में जिला विधिक सेवा प्राधिकार का लिगल एड क्लिनिक है, जहां नशा करनेवाले व्यक्तियों को ईलाज किया जाता है। सिन्हा ने आगे नशा से संबंधित पदार्थों के बारे एवं सजा के प्रावधानों के बारे में भी जानकारी दी।
वहीं अतुल गेरा ने कहा कि नशा हमारे देश को खोखला कर रहा है। नशा से बचने के लिए छात्र-छात्राओं को जागरूक करना आवश्यक है। नशा के पेडलर नवयुवक एवं छात्रों को इस व्यवसाय में आसानी से उपयोग करते हैं, जिससे हमलोगों को सचेत रहना है और किसी भी तरह का ड्रग्स पेडलरों के द्वारा दिये जा रहे लालच में न आयें। एनसीबी के संजीत कुमार ने कहा कि झारखंड में इस नशे की समस्या को रोकने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह क़ानूनों के कार्यान्वयन और हितधारकों के बीच समन्वय के लिए ज़िम्मेदार है। नशे की दवाओं का उत्पादन और वितरण इस समस्या की जड़ तक पहुंचता है। अधिकांश तस्करी के गिरोह पकड़े नहीं जाते हैं। वहीं सीआईडी के रिजवान अंसारी ने मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी में बच्चों और नवयुवकों को कैसे उपयोग में लिया जा रहा है, इससे बचने के लिए उन्होंने छात्रों को बताया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak