Uttrakhand

स्वस्थ्य मानसिकता के लिए खेल औषधि : डा. चौहान

हरिद्वार, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जीवन में सफलता – विफलता स्वस्थ्य मानसिकता पर निर्भर करती है, जिसके लिए खेल एक सरल औषधि का काम करती हैं। खेल से जुडने वाला व्यक्ति विकृत मनोस्थिति के प्रभाव को सहन करते हुये जीवन की परिस्थितियों में मिलने वाली विफलता के दुष्प्रभाव से बचा रहता है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने बीपीईएस छात्रों के साथ व्यायाम शिक्षा के व्यक्तिगत लाभ तथा शान्ति में खेलों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।

डॉ. चौहान ने कहा कि विश्व शान्ति के लिए खेल एक प्रभावी एवं सरलतम विकल्प है। स्वस्थ्य मानसिकता का सम्बंध व्यक्ति की खुशहाली एवं बदहाली से भी जुडा है। ऐतिहासिक संदर्भों मंे अंकित अनेक उदाहरण इसकी पुष्टि करते हैं कि विश्व शान्ति स्थापन में खेल एक मजबूत एवं महत्वपूर्ण कारक है।

गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने बीपीईएस पाठयक्रम के छात्रों के साथ व्यायाम शिक्षा से शारीरिक शिक्षा तक के सफर तथा इससे जुडे विकासक्रम तथा खेल नीतियों के आधार पर खेलों के वर्तमान स्वरूप तक की यात्रा के मजबूत स्तम्भों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि खेल सामान्य दृष्टि से मनोरंजन का साधन हो सकते हैं, लेकिन इनकी संरचना मे कुशलता, अनुशासन, समर्पण, प्रतिस्पर्धा, बुरे प्रभाव से बचने की कला, दूसरे की संवेदनाओं का सम्मान जैसे मानवीय गुणों पर निपुणता बनाना है। इसलिए खेल तथा खिलाडी वैज्ञानिक एवं सामान्य जीवन की आधारभूत व्यवस्था के संचालक हैं।

चर्चा में छात्रों ने कैरियर तथा प्रतिभाग दोनो दृष्टिकोण से खेलों को अपनाने पर जोर दिया। चर्चा में शिवम अग्रवाल, वंश कुमार, लवी कुमार, हर्षित कुमार, अभिषेक नेगी, विपिन कुमार, अंश मलिक, शुभम विष्ट आदि छात्रों ने भाग लिया।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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