
सोनीपत, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सोनीपत
जिले की शुगर मिल ने डिजिटल सुविधा से किसानों को बड़ी राहत दी है। मिल में तैयार मोबाइल
एप से किसान अपने गन्ना टोकन, पर्ची और ट्रॉली नंबर घर बैठे देख सकते हैं। इससे मिल
पर लंबी लाइनों से छुटकारा मिला है और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी है। अब इस
आधुनिक ऑनलाइन प्रणाली को जींद, गोहाना और पानीपत की शुगर मिलों से भी जोड़ा जा रहा
है।
सरकारी प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि सोनीपत
एप को इन तीनों मिलों से अटैच करने का ट्रायल अंतिम चरण में है। ट्रायल सफल रहा तो
आगामी पिराई सत्र में आसपास के जिले भी इस सुविधा से जुड़ जाएंगे। मिल प्रशासन के अनुसार,
किसान एप के जरिए यह भी देख सकेंगे कि किस मिल में कितनी पिराई हो चुकी है, कौन सा
टोकन नंबर चल रहा है या उनका गन्ना किस स्थिति में है। अगर किसी कारण उनका गन्ना दूसरी
मिल में ट्रांसफर होता है तो मैन्युअल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
इस बार
सोनीपत मिल क्षेत्र के 1500 किसानों ने लगभग 14 हजार एकड़ में गन्ना बोया है। गन्ना
सर्वे पूरा हो चुका है और बॉडिंग का काम जारी है।
नवंबर के तीसरे सप्ताह से पिराई सत्र
शुरू होने की संभावना है। मिल की दैनिक पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल है और इस सत्र
में करीब 30 लाख क्विंटल गन्ना आने की उम्मीद है।
पिछले
कुछ वर्षों में मिल में तकनीकी सुधार से ब्रेकडाउन की घटनाएं घटी हैं और चीनी की रिकवरी
दर 9 प्रतिशत से अधिक रही है। मिल प्रशासन इस बार रिकवरी दर को और बढ़ाने की दिशा में
काम कर रहा है। एमडी अंकिता वर्मा ने बताया कि उपकरणों की मरम्मत और मशीनरी सुधार कार्य
तेजी से चल रहा है। कंप्यूटर सेक्शन द्वारा एप को और उपयोगी बनाया जा रहा है ताकि किसानों
को पिराई सत्र में बिना परेशानी सुविधाएं मिल सकें।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
