कोलकाता, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सोमवार रात इलाज के लिए लाए गए एक नशे में धुत मरीज ने एक महिला डॉक्टर प्रशिक्षु से कथित रूप से छेड़छाड़ की। पुलिस ने गुरुवार को इस घटना की पुष्टि की है।
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना उस समय हुई जब आरोपित मरीज को अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में भर्ती किया गया था। आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी शोर सुनने के बावजूद वार्ड में नहीं आया। बाद में प्रशिक्षु की शिकायत पर पुलिस ने हस्तक्षेप किया।
घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने प्रबंधन से तत्काल सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की। बुधवार को मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने प्रिंसिपल के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और डॉक्टरों व नर्सों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई।
एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि एक प्रशिक्षु डाॅक्टर ड्यूटी के दौरान मरीज द्वारा उत्पीड़न और छेड़छाड़ का शिकार हुई, जबकि पुलिसकर्मी बाहर मौजूद था। यह पुलिस की लापरवाही और सुरक्षा में चूक का उदाहरण है। डॉक्टर दिन-रात जोखिम उठाकर काम करते हैं, इसलिए हम न्याय और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमें शिकायत प्राप्त हुई है और इस मामले की जांच की जा रही है।”
पिछले कुछ सप्ताहों से राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में महिला डॉक्टरों और नर्सों के साथ शारीरिक उत्पीड़न और हमले की घटनाएं सामने आई हैं। अधिकतर मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन इस घटना में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि, पिछले वर्ष आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद से राज्य के चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में, हावड़ा के एक अस्पताल में भी एक महिला डॉक्टर पर हमला हुआ था और आरोपित ने उसे बलात्कार की धमकी दी थी। उस मामले में एक ट्रैफिक होमगार्ड सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
इसी तरह एसएसकेएम अस्पताल में भी हाल ही में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म की कोशिश की गई, जिसमें एक बाहरी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।
इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के प्राचार्यों और अधीक्षकों के साथ उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अस्पतालों में सुरक्षा चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं। इस बैठक में कोलकाता पुलिस आयुक्त, सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी मौजूद थे। ———-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर