
बहुचर्चित कुकर्म आरोप प्रकरण जांच के बाद खारिज
नागदा, , 8 नवंबर (Udaipur Kiran) । मप्र के नागदा का यह मामला एक बार फिर याद दिलाता है कि अफवाहों और अधूरी जानकारियों से किसी की साख पर सवाल उठाना कितना खतरनाक हो सकता है। दरअसल, उज्जैन जिले के नागदा क्षेत्र के एक व्यवसायी के खिलाफ दर्ज कुकर्म के मामले में पुलिस जांच के बाद बड़ा मोड़ आ गया है। जांच में आरोपों को निराधार पाया गया है और मामला खारिज कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, 19 वर्षीय एक युवती ने गत 13 अगस्त को नागदा निवासी व्यवसायी मनोहर पोरवाल के खिलाफ कुकर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। युवती का कहना था कि पोरवाल ने उसके साथ जबरन कुकर्म किया। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने पाया कि इस प्रकरण में लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। शनिवार को आयोजित एक प्रेसवार्ता में मदन पोरवाल ने जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों के साथ बताया कि पूरा मामला झूठा साबित हुआ है।
पोरवाल ने कहा कि आरोप लगने के बाद उन्होंने स्वयं एसपी उज्जैन के समक्ष निष्पक्ष जांच की मांग की थी। पुलिस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि शिकायत निराधार थी और इसमें कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले। मदन पोरवाल ने प्रेसवार्ता में यह भी आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा था। उनका कहना था कि कांग्रेस के एक स्थानीय नेता से उनकी व्यक्तिगत रंजिश के कारण उनके खिलाफ यह झूठा प्रकरण दर्ज कराया गया।
पोरवाल ने बताया कि इस षड्यंत्र में दिव्याशु, मोहित और दीपक नामक व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिनके खिलाफ अब वे कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झूठे आरोपों ने न केवल उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचाया बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान किया। “मुझे न्यायपालिका और पुलिस पर भरोसा था, इसलिए मैंने शुरुआत से ही जांच की मांग की थी। अब सच्चाई सबके सामने है,” पोरवाल ने कहा।
उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद स्थानीय व्यापारिक समुदाय ने भी राहत की सांस ली है। कई व्यापारियों ने इसे सत्य की जीत बताया और कहा कि ऐसे मामलों में जांच पूरी होने से पहले किसी पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया