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आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा, भले ही जिंदगी चली जाए परवाह नहीं: शिवराज सिंह

भैरुंदा में अनुसूचित जनजातीय पंचायत में शिवराज सिंह
भैरुंदा में अनुसूचित जनजातीय पंचायत में शिवराज सिंह

भोपाल, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के प्रवास के दौरान भैरुंदा में अनुसूचित जनजातीय पंचायत शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों से संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भले ही मेरी जिंदगी चली जाए, कोई परवाह नहीं। मैं आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। हमेशा आदिवासियों के साथ हूं।

केन्द्रीय मंत्री चौहा ने सोशल मीडिया एक्स पर उक्त जानकारी साझा करते हुए लिखा कि आज भैरूंदा में अपने जनजातीय भाई-बहनों के बीच पहुंचा और उनकी समस्याओं को सुना। हमारे जनजातीय नागरिक मेहनत की रोटी खाते हैं। जमीन का छोटा-सा टुकड़ा ही उनकी रोजी-रोटी का सहारा है। मैंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी उनकी समस्याओं से अवगत कराया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब और आदिवासी हितैषी है। मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं। सरकार न्याय दिलाएगी, किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि किसी ने चिट्‌ठी लिखी कि शिवराज सिंह आदिवासियों को भड़काता है। आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। अरे प्रकरण तो क्या जिंदगी भी चली तो परवाह नहीं, गरीबों की सेवा करते हुए, उनके हकों की आवाज उठाते हुए, उनका अधिकार उनको दिलाते हुए।

दरअसल, हाल ही में वन विभाग ने भैरूंदा के कई आदिवासी परिवारों को जमीन खाली करने के नोटिस दिए थे, जो सालों से पट्टे की जमीन पर रह रहे हैं। इस पर शिवराज सिंह ने कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आदिवासी को बेघर न होना पड़े।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीबों और आदिवासियों के हितों के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव दोनों ही संवेदनशील नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज मेहनती है, और उनकी जमीन ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। उन्होंने कहा कि वे हर संभव प्रयास करेंगे कि किसी की भी आजीविका पर संकट न आए और सब सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

कार्यक्रम के अंत में शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय परिवारों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया। उन्होंने भोजन परोसने वाली महिलाओं का आभार जताया और कहा कि वे आदिवासी समाज के सुख-दुख में हमेशा साझेदार रहेंगे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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