Chhattisgarh

अखंड भारत के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराती अमूल्य विरासत है वंदे मातरम : डाॅ प्रशांत बोपापुरकर

अखंड भारत के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराती अमूल्य विरासत है वंदे मातरम्: डाॅ प्रशांत बोपापुरकर
अखंड भारत के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराती अमूल्य विरासत है वंदे मातरम्: डाॅ प्रशांत बोपापुरकर

कोरबा, 08 नवंबर (Udaipur Kiran) । हम सभी अपने जीवन में अध्ययन-अध्यापन के साथ अच्छे चरित्र और राष्ट्रीयता की भावना भी विकसित करें। अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानें और अपने आत्मसात करें। वंदे मातरम् का गौरवशाली इतिहास भी एक ऐसी ही अमूल्य विरासत है, जिसकी 150वीं वर्षगांठ पर देशभर में मनाया जा रहा उत्सव भी एक ऐसा ही अवसर है। आज हम सब भारत की एकता और अखंडता के परिचायक रहे अपने राष्ट्रगीत वंदे मातरम के मधुर और गौरवान्वित करने वाले सुरों में एक्य होकर वही भावना प्रस्तुत कर रहे हैं।

यह बातें शनिवार को कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में राष्ट्रगीत वंदेमातरम की 150वीं वर्षगाँठ के अवसर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने कहीं। देश के महा उत्सव की तर्ज पर वंदेमातरम 150 वी वर्षगाँठ देशभर में मनाया जा रहा है। इस उत्सव के प्रथम चरण में अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, जिसके अंतर्गत महाविद्यालय के शिक्षा संकाय स्थित सभाकक्ष में दोपहर एक बजे प्राध्यापकों, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा वंदेमातरम का सामूहिक गान किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से सहायक प्राध्यापक अजय मिश्रा, वायके तिवारी, डॉ भारती कुलदीप, टीव्ही नरसिम्हम, बृजेश तिवारी, डॉ रश्मि शुक्ला, आशुतोष शर्मा, गोविंद माधव उपाध्याय, राकेश गौतम, ओपी साहू, अंजू खेस, नीतीश यादव उपस्थित रहे।

महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक वायके तिवारी ने बताया कि कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा के निर्देशानुसार वंदेमातरम 150 वी वर्षगाँठ के अवसर पर विभिन्न चरणों मे कार्यक्रम का आयोजन होना है। 7 से 14 नवंबर तक स्कूलों, गांव-गांव एवं शासकीय-निजी कार्यालयों में वंदेमातरम गीत गाया जा रहा है। इसके बाद 19 से 26 जनवरी तक गणतंत्र दिवस समारोह तक दूसरा चरण, 7 से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस तक तीसरा चरण और फिर 1 से 7 नवंबर 2026 तक अंतिम चरण आयोजित किए जाएंगे।

(Udaipur Kiran) /हरीश तिवारी

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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी