Madhya Pradesh

वोट बैंक की राजनीति के चलते पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया का विरोध कर रहा इंडी गठबंधन- डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी

डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी

बीजेपी प्रदेश महामंत्री डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा एसआईआर पर दिए गए बयान पर दी प्रतिक्रिया

भोपाल, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बीजेपी प्रदेश महामंत्री व सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने एसआईआर को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा लगाए गए आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। डॉ. सोलंकी ने बुधवार काे बयान जारी कर इन आरोपों को मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दल जिस तरह से इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, उसने चोर की दाढ़ी में तिनका वाले मुहावरे को चरितार्थ कर दिया है। वास्तविकता यह है कि एसआईआर की प्रक्रिया लोकतंत्र की पवित्रता को धता बताने वाले फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए है, लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग अपनी वोट बैंक की राजनीति के चलते इसका विरोध कर रहे हैं। अपने स्वार्थ में अंधे होकर ये दल उन राज्यों में भी एसआईआर का विरोध कर रहे हैं, जहां अवैध घुसपैठियों के माध्यम से देश की डेमोग्राफी बदलने का दुष्चक्र चल रहा है।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोलंकी ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया वैधानिक और पारदर्शी है। बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप हुई है और वहां इस प्रक्रिया में कोई त्रुटि नहीं पाई गई। बिहार में भी कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों ने इस प्रक्रिया को टालने के पुरजोर प्रयास किए, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो सके। अब देश के 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा से कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बुरी तरह बौखला गए हैं। उन्हें लगने लगा है कि अगर एसआईआर की प्रक्रिया होती है, तो वो उन फर्जी और काल्पनिक मतदाताओं से हाथ धो बैठेंगे, जिनका नाम काफी प्रयासों के बाद मतदाता सूची में जुड़वाया गया था। ये मतदाता कांग्रेस के लिए वोटबैंक का काम करते रहे हैं और इनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की आशंका से कांग्रेस पार्टी अपना आपा खो बैठी है।

साजिश करना कांग्रेस का चरित्र

सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर चुनावी साजिश के जो आरोप लगा रहे हैं, वह वास्तव में कांग्रेस का ही चरित्र है। पं. नेहरू के समय वो कांग्रेस पार्टी ही थी, जिसने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुनाव हराने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता ईवीएम का विरोध करते हुए देश-विदेश में देश की निर्वाचन प्रक्रिया और लोकतंत्र को बदनाम तो करते रहे, लेकिन न्यायालय के समक्ष ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके, जिसके आधार पर वो आरोप लगा रहे थे। कांग्रेस और उसके सहयोगी अब यही रवैया एसआईआर के बारे में अपना रहे हैं।

आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी का नाम लेकर राजनीति कर रही कांग्रेस

भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कांग्रेस आदिवासी भाईयों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी बंधुओं की चर्चा सिर्फ राजनीति के लिए कर रही है। वास्तव में उसने कभी इन वर्गों की चिंता नहीं की। उसकी रुचि तो सिर्फ इन वर्गों को वोटबैंक के तौर पर इस्तेमाल करने में रही है। लेकिन देश के आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी के लोग यह बहुत अच्छे से जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ के मंत्र पर काम कर रही है। सरकारी योजनाओं का लाभ हर वर्ग के लोगों को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। उसी तरह हर वर्ग के लोगों का मताधिकार भी बिना किसी भेदभाव के सुरक्षित रहेगा। निर्वाचन आयोग यह स्पष्ट कर चुका है कि एसआईआर की प्रक्रिया किसी भी वास्तविक मतदाता को मताधिकार से वंचित करने के लिए नहीं है, बल्कि यह सिर्फ मतदाताओं की जांच के लिए है।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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