Jharkhand

नवजात शिशु में सांस संबंधी बीमारी पर वेंटिलेटर की उपयोगिता पर चर्चा

कार्यशाला में जानकारी साक्षा करते डॉक्‍टर समेत अन्‍य

रांची, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) । इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक (आईएपी) की ओर से शुक्रवार को ओरमांझी में आयोजित तीन दिवसीय 24वें झारखंड पेडिकॉन 2025 के पहले दिन, रिम्स और रानी हॉस्पिटल में इनवेसिव वेंटिलेशन (पीडियाट्रिक और न्यूनेटोलॉजी) पर कार्यशाला आयोजित हुआ। इसमें शिशु और नवजात शिशु के विभिन्न सांस से संबंधी बीमारियों में वेंटिलेटर की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया गया।

डॉ रतन कुमार इंटेंसिविस्ट पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर ने बच्चों में वेंटिलेशन के बारे में जानकारी दी। इसके अलावे बेसिक इन पीडियाट्रिक वेंटिलेशन, डिफरेंट मोड ऑफ इनवेसिव पीडियाट्रिक वेंटिलेशन और पल्मोनरी ग्राफिक्स पर एम्स, पश्चिम बंगाल के कल्याणी की नीलाद्रि भूणिया ने, वेंटिलेशन पर कॉप्रीहेंसिव अप्रोच पर टीएमएच के डॉ रतन कुमार ने, नियोनेटल में एनआईवी पर डॉ प्रदीप ने और देवघर एम्स के डॉ के समीर ने नई तकनीकों की जानकारी साक्षा की। जयपुर मेडिकल कॉलेज के डॉ अविनाश गीतांजलि, एम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ के समीर, रिम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ किरण शंकर दास, अशर्फी हॉस्पिटल धनबाद के डॉ किशोर गांधी के द्वारा नवजात शिशु में नन इनवेसिव वेंटिलेशन के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य डॉ कृष्ण कुमार, डॉ अरुण कुमार शर्मा, डॉ ओपी मंसरिया, अध्यक्ष डॉ राजीव मिश्रा, डॉ पीके गुप्ता, सेक्रेटरी डॉ राजेश कुमार (बालपन) ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ शक्तिपाद सहित अन्‍य की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कार्यशाला में डॉ राजीव मिश्रा, डॉ पार्थ कुमार चौधरी, डॉ राजेश कुमार (बालपन) एवं शक्तिपाद दास, डॉ परमानंद काशी, डॉ राजेश, विशाखापत्तनम से डॉ सुनील किशोर, हैदराबाद से डॉ अपर्णा चन्द्रशेखरण, रानी हॉस्पिटल से डॉ हेमंत, डॉ रौनक और पारस अस्पताल से डॉ निशांत पाठक सहित अन्य डॉक्टर्स मौजूद थे।

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar