

लखनऊ, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में ‘मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन‘ की विशेष बैठक ली।
मायावती ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों यानि प्रत्येक मंडलवार ‘मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन‘ के तहत एक दलित और एक मुस्लिम को संयोजक बनाया है। ये दोनों मिलकर अपने मंडल के प्रत्येक विधानसभा वार मुस्लिम समाज में जाकर उनके बीच-बीच छोटी-छोटी बैठक कर पार्टी के कार्याें के बारे में बताने और सदस्य बनाने का कार्य करेंगे। इस कार्य की प्रगति रिपोर्ट सीधे बसपा प्रमुख को भेजा जाएगा।
बैठक काे सम्बाेधित करते हुए मायावती ने कहा कि एक पार्टी के रूप और सरकार बनने पर बसपा ने मुस्लिम समाज के हित और कल्याण के साथ उनकी हर स्तर पर उचित भागीदारी और जान माल एवं मजहब की गारंटी के लिए बेहतरीन कानून व्यवस्था देकर हिफाजत की है। जातिवाद साम्प्रदायिकता को काफी हद तक खत्म किया है।
प्रदेश में बसपा ही ऐसी पहली सरकार रही है, जो जुल्म ज्यादती, अराजकता, आपराधिक तत्वों के विरूद्ध और मजलूमों के हक में उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ हमेशा खड़ी रही। यूपी को पूरी तरह से दंगा, शोषण, अन्याय व भय मुक्त किया। जबकि दूसरी पार्टियों में ऐसे दावे ज्यादातर हवा-हवाई रहे हैं। इनकी कथनी और करनी में भी जमीन आसमान का अंतर होता है। वे लोग केवल वोट के स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं। सरकार बनने के बाद दलित और अन्य पिछड़ों को भूला दिया जाता है। इसलिए अब आगे से इनके किसी भी बहकावे में नहीं आना है।
मायावती ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव और इससे पहले भी बार-बार के चुनावी अनुभव से पूरी तरह स्पष्ट है कि मुस्लिम समाज का पूरे तन मन धन का समर्थन मिलने के बावजूद इंडी गठबंधन सपा-कांग्रेस आदि भाजपा को नहीं हरा पा रही है। जबकि मुस्लिम समाज का उसे काफी कम समर्थन मिलने पर बसपा ने भाजपा को परास्त करके दिखाया और 2007 में बहुमत से सरकार भी बनायी। सपा-कांग्रेस आदि की राजनीति दलित, पिछड़े व अन्य वंचित बहुजन विरोधी रही। इनके गलत कार्य कलापों से ही भाजपा यूपी में मजबूत हुई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सपा, कांग्रेस जैसी इन विरोधी पार्टियों के घिनौने हथकंडों के साथ-साथ पार्टी में कुछ स्वार्थी, अवसरवादी लोगों के भीतरघाती चुनौतियों से भी सामना करना पड़ता है। इनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई भी करनी पड़ती है। इसका ताजा उदाहरण समसुद्दीन राइन हैं। जिन्होंने पिछले विधानसभा, लोकसभा चुनावों में खासकर पश्चिम यूपी में पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया है। चेतावनी के बावजूद सुधार न होने पर उन्हें पार्टी से बाहर किया गया। उन्होंने नसीहत दी है कि आगे ऐसा भीतरघात न हो, इसके लिए जरूरी है कि पार्टी के लोग हमेशा सतर्क रहें और ऐसी कोई भी शिकायत सीधे मेरे संज्ञान में लाए।
बसपा प्रमुख ने कहा कि देश के करोड़ों दलित, आदिवासी पिछले और मुस्लिम समाज के लोग बसपा के ‘बहुजन समाज‘ के अभिन्न अंग हैं। जिसका लक्ष्य यूपी व देश में इन वंचित, शोषित व उपेक्षित वर्गां को पावर व पद के जरिए गुलामी से निकालकर इन्हें मानवता व इंसानियत से आत्म सम्मान एवं स्वाभिमान के जीवन जीने योग्य बनाकर संविधान के अति महत्वाकांक्षी, कल्याण कारी उद्देश्य की प्राप्ति है। जो भारत देश को महान बनाने के लिए अति जरूरी है।
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(Udaipur Kiran) / दीपक