
रायपुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, कल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक और डरावनी घटना हुई। एक व्यक्ति के कार्यालय में तीन लोगों ने सरेआम हमला बोला और दस से अधिक राउंड गोलियां चलाकर फरार हो गए। प्रदेश में यह क्या हो रहा? राजधानी में 6 गोलीबारी की घटना हो गई। मुख्यमंत्री के क्षेत्र में एक दुकानदार को गोली मार दी गई थी। प्रदेश के हर शहर में रोज बलात्कार, लूट, हत्या, चाकूबाजी, डकैती की घटना हो रही है। राजधानी में तीन दिन में 45 चाकूबाजी की घटना हो जाती है। गृह मंत्री का गृह जिला तो अपराध की राजधानी बन गया है। सरकार कानून व्यवस्था संभाल पाने में असफल साबित हो गई है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री दोनों नाकाम साबित हो रहे है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण एसआईआर की घोषणा की है। कांग्रेस मांग करती है कि, आयोग यह सुनिश्चित करे कि एस आई आर के काम में पारदर्शिता और ईमानदारी हो।
एस आई आर का काम मूल रूप से बीएलओ के माध्यम से ही पूरा होगा। बीएलओ घर-घर जा कर दस्तावेज का मिलान करेगा, कांग्रेस पार्टी मांग करती है बीएलओ हर घर में भौतिक रूप से जरूर पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाए और बीएलओ जब मतदाता के घर आए तो उसके आने का पुष्टि प्रमाण पत्र मतदाता से लिखवा कर ले। इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि बीएलओ ने एक जगह बैठ कर कागजी सर्वे नहीं किया।
किसी मतदाता का नाम सूची से काटा जाए तो वह अपात्र है यह प्रमाणित करने का दायित्व आयोग का होना चाहिए न कि मतदाता का। मतदाता को उसके दस्तावेज प्रस्तुत करने का पूरा समय दिया जाए। एसआईआर के काम में आयोग की नीयत सही होनी चाहिए, उसका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं का नाम जोड़ने का होना चाहिए न कि काटने का।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, बेमेतरा के बाद अब बलौदाबाजार जिले के अमेरा गांव में 150 से अधिक गायों की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री साय ने गौमाता को ’राज्य माता’ का दर्जा देने का बड़ा दावा किया था, आज उनकी अपनी सरकार के कार्यकाल में गौमाता के शव गौशालाओं में पड़े हैं। न तो दाना-पानी की व्यवस्था है, न देखरेख की जिम्मेदारी, बस खोखले दावे और दिखावा। यह स्पष्ट हो गया है कि, भाजपा के लिए गौमाता सिर्फ चुनावी भाषणों और राजनीतिक हथियार बनाने का जरिया हैं, जबकि जमीनी हकीकत में उनके लिए कोई जगह नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर