
जींद, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । एमपीएचडब्ल्यू की गत 25 अक्टूबर से ऑनलाइन काम छोड़ हड़ताल लगातार जारी है। एमपीएचडब्ल्यू की हडताल से अब आमजन की परेशानियां बढऩे लगी हैं। स्वास्थ्य कार्यों की ऑनलाइन एंट्री न होने के चलते गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन के बाद आरसीएच नंबर नहीं मिल पा रहा है। जिससे गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड नही करवा पा रही हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में अवैध गर्भपात के मामलों को ट्रेस करने के लिए अल्ट्रासाउंड से पहले आरसीएच जरूरी की हुई है। जो कि उप स्वास्थय केंद्र पर कार्यरत एमपीएचडब्ल्यू द्वारा अनमोल पोर्टल रोक दिए जाने से बंद हो गई है। इसके अलावा एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे सभी तरह के ऑनलाइन एप पर काम करना बंद कर दिया है। यूवीन के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण को ऑनलाइन किया जाता है। इसमें लाभार्थी को टीका लगने से पहले और बाद में अभिभावक के मोबाइल नंबर पर जानकारी भेजी जाती है। आधार कार्ड के माध्यम से पेशेंट की जानकारी भी ऑनलाइन की जाती है।
बुधवार को एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला देवी, उप प्रधान सुदेश देवी एवं महासचिव सहदेव आर्य ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नही होती, ऑनलाइन काम का बहिष्कार जारी रहेगा। आशा पे एप, डिजीज सर्वेलेंस समेत अभी ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों पर कार्य ठप हैं। प्रदेश की 20 हजार आशा वर्कर का भुगतान नही हो पाएगा। एसोसिएशन के राज्य प्रेस सचिव संदीप कुंडू ने कहा कि हरियाणा के सभी जिलों में गत 25 अक्टूबर से ऑनलाइन स्वास्थ्य पोर्टलों पर कार्य ठप कर दिया है।
एमपीएचडब्ल्यू वर्ग द्वारा आशा पे एप, डिजीज सर्वेलेंस, गैर संचारी रोग, अनमोल सहित सभी एप पर कार्य बंद कर दिया है। गौरतलब है कि प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 20 हजार आशा वर्कर कार्यरत हैं तथा आशा पे एप के माध्यम से उनका कार्य वेरिफाई करके भुगतान किया जाता है। जोकि एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारियों की डिजिटल ऑनलाइन हड़ताल से रुक गया है। एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव सहदेव आर्य ने कहा कि किसी को परेशान करना हमारा उद्देश्य नही है लेकिन सरकार द्वारा नाजायज बोझ डाल कर एमपीएचडब्ल्यू वर्ग का शोषण किया जा रहा था। जिसके चलते कर्मचारियों ने हड़ताल का रुख किया है।
—————
(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा