
रांची, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । महानगर छठ पूजा समिति के तत्वावधान में डोरंडा स्थित कृत्रिम तालाब पर मंगलवार के तडके उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ महापर्व का विधिवत समापन हुआ। सुबह की पहली किरण के साथ ही तालाब परिसर में व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पूरा वातावरण छठी मईया के जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री और समिति की मुख्य संरक्षक दीपिका पाण्डेय सिंह ने कहा कि छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि मां और माटी से जुड़ा व्रत है। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व में लगाए गए हर दीपक, हर गीत और हर अर्घ्य यह संदेश देता है कि जीवन बदलता है, पर आस्था अमर रहती है।
वहीं समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सुबह का अर्घ्य हर अंधकार के बाद आने वाले प्रकाश का प्रतीक है। यह पर्व पवित्रता, अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण की सीख देता है।
संरक्षक लाल किशोर नाथ शाहदेव ने इसे सांस्कृतिक जीवन की आत्मा बताया, जबकि संयोजक डॉ राजेश गुप्ता ने श्रद्धालुओं की अनुशासित उपस्थिति को आयोजन की सफलता का कारण कहा।
इस अवसर पर गौतम दूबे, रितेश सिंह, विजय गुप्ता, विशाल सिंह, हर्ष तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थेे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
