Madhya Pradesh

झाबुआ: वन्दे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित स्मरणोत्सव में राष्ट्रगीत के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन

वंदे मातरम् की डेढ़ शताब्दी पर झाबुआ में  आयोजन
वंदे मातरम् की डेढ़ शताब्दी पर झाबुआ में आयोजन
वंदे मातरम् की डेढ़ शताब्दी पर झाबुआ में आयोजन

झाबुआ, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जनजातीय बाहुल्य झाबुआ जिला मुख्यालय स्थित आजीविका कला दीर्घा भवन में शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया के मुख्य आतिथ्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर नेहा मीना एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह की विशेष अतिथि के रूप में मौजूदगी रही। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

इस यादगार मौके पर जब स्कूली बच्चों द्वारा राष्ट्रगीत के पूर्ण संस्करण का संगीतमय सामूहिक गायन किया गया, तो कार्यक्रम में उपस्थित केबिनेट मंत्री सहित प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा राष्ट्रगीत एवं राष्ट्रगीत गायन कर रहे स्कूली छात्र-छात्राओं का खड़े होकर अभिनंदन किया गया।

राष्ट्रगीत के उपरांत नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखा गया। यह कार्यक्रम 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक राष्ट्रगीत वंदे मातरम रचित किए जाने के वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का औपचारिक शुभारंभ है, जो इस कालातीत रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ।

इस राष्ट्रगीत गीत ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और सदा ही राष्ट्रीय गौरव एवं एकता का अलख जगाता रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025 में वंदे मातरम गीत की रचना के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। श्री बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम अक्षय नवमी के पावन अवसर पर, 7 नवंबर 1875 को लिखा गया था। वंदे मातरम पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के एक अंश के रूप में प्रकाशित हुआ था। मातृभूमि की शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक इस गीत ने एक तरफ जहां भारत की एकता और आत्मगौरव की जागृत भावना को काव्यात्मक अभिव्यक्ति दी, वहीं दूसरी तरफ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और सदा ही राष्ट्रीय गौरव एवं एकता का अलख जगाता रहा है। यह गीत जल्द ही राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक चिरस्थायी प्रतीक बन गया।

आयोजित कार्यक्रम में अपर अपर कलेक्टर सी एस सोलंकी, सहायक कलेक्टर आशीष कुमार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ भास्कर गाचले सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा