
सोलन, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के ममलीग में मंगलवार को एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए ममलीग उप-तहसील को स्तरोन्नत कर तहसील बनाने की घोषणा की है । उन्होंने ममलीग में लोक निर्माण विभाग का उप मण्डल खोलने तथा स्कूल की छत्त के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 50 हजार रुपए देने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है और पारदर्शिता के लिए माई डीड परियोजना आरंभ की गई है, जिससे भूमि की रजिस्ट्री के लिए आम लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने गहन अध्ययन किया और सुधारात्मक कदम उठाए, जिसके आज सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में देश भर में 21वें स्थान पर था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से गुणात्मक सुधार आया और आज हिमाचल प्रदेश 5वें स्थान पर पहुंच गया है। पूर्व में वर्षभर अध्यापकों की ट्रांसफर होती रहती है, जिससे बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ता था। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने कड़े फैसले लिए।
उन्होंने कहा कि जो स्कूल पिछली भाजपा सरकार ने मात्र राजनीतिक लाभ के लिए खोले थे, वर्तमान सरकार ने उन्हें बंद करने का फैसला लिया। गांव में पढ़ने वाले बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। आज ममलीग में भी राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए प्रथम चरण में प्रदेश में 100 स्कूल सीबीएसई आधारित बनाए जा रहे हैं, जिनमें राज्य सरकार द्वारा सभी विषयों के अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे और अध्यापकों का अलग कैडर होगा। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अलग ड्रेस कोड होगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती के साथ-साथ आधुनिक मशीनें स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सिर्फ भवन बनाने पर ध्यान दिया तथा वहां सुविधाएं प्रदान करने और स्टाफ की भर्ती पर ध्यान नहीं दिया गया, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार एम्स दिल्ली की तर्ज पर प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी पर तीन हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है। हमारे प्रयासों से अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू कर दी गई है। चमियाणा, आईजीएमसी शिमला और टांडा में ऑटोमेटेड लैब स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 75 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिससे एक ही ब्लड सैंपल से मरीजों के कई टेस्ट एक साथ हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में गाय के दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 51 रुपए तथा भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 61 रुपए प्रति लीटर किया गया है। सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं और पांगी क्षेत्र में उगाई गई जौ को 60 रुपए प्रति किलो, जबकि मक्की को 40 रुपए और कच्ची हल्दी को 90 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से किसानों को उनकी मेहनत का उचित फल मिल रहा है।
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(Udaipur Kiran) / संदीप शर्मा
