शिमला, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को शिमला में कहा है कि प्रदेश में धारा 118 में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है और इस धारा में संशोधन बिना विधानसभा की मंजूरी के संभव ही नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के उस आरोप का खंडन किया कि सरकार धारा 118 के बहाने प्रदेश के हितों को बेच रही है। मंत्री ने मंगलवार को शिमला में कहा कि नेता प्रतिपक्ष विचलित हैं और धारा-118 को लेकर वे असंतुलित बयान दे रहे हैं।
राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि विधानसभा में पहले जो संशोधन किया गया था, वह केवल धार्मिक संस्थाओं से संबंधित था, ताकि उन्हें सेलिंग एक्ट से बाहर रखा जा सके। उन्होंने बताया कि यदि कोई धार्मिक संस्था जिसके पास 150 बीघा तक भूमि है, वह भूमि धार्मिक प्रयोजन के लिए आगे बेचना चाहती है तो उसे इसकी अनुमति दी जा सकती है। यही संशोधन बिल में किया गया था।
उन्होंने कहा कि जब यह बिल सदन में पेश किया गया था, तब विपक्ष ने भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। इस समय प्रदेश में कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं है। बारिश और आपदा के दौरान जिन लोगों के मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए, उनके रहने की व्यवस्था की गई है। कई लोग किराये के मकानों में रह रहे हैं और उन्हें सरकार की ओर से 5000 रुपये प्रतिमाह किराया सहायता दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि आपदा में 1800 से अधिक मकान पूरी तरह नष्ट हुए, जबकि 8000 से ज्यादा मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। प्रभावित परिवारों के लिए सरकार ने स्पेशल पैकेज 2023 लागू किया है, जिसे अब पूरे प्रदेश में विस्तार दिया जा रहा है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह टूटे मकानों के लिए
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा