
– भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान खरीदने पर लगाया गया प्रतिबंध
इंदौर, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी शिवम वर्मा द्वारा गुरुवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में भिक्षावृत्ति की रोकथाम एवं इस सामाजिक बुराई के निवारण के लिये प्रभावी अभियान चलाया जा रहा है। उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश से यह अभियान और प्रभावी बनेगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी शिवम वर्मा द्वारा जारी आदेशानुसार इन्दौर जिले की राजस्व सीमा अन्तर्गत किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया गया है। जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता है तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
यदि कहीं कोई व्यक्ति भिक्षावृत्ति करता पाया जाता है, तो उसकी सूचना कोई भी व्यक्ति महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा के मोबाईल नंबर 9691494951 पर दे सकता है, यदि सूचना सत्यापन के दौरान सही पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति को एक हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है तथा इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/संस्था/आयोजक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत कार्यवाही की जा सकेगी। यह आदेश 27 दिसम्बर 2025 तक के लिए प्रभावशील रहेगा।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में भिक्षावृत्ति रोकथाम के लिये प्रभावी अभियान चलाया जा रहा है। जिले में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के दल गठित किये गये है, जो लगातार भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान में अब तक प्रभावी कार्रवाई करते हुए भिक्षावृत्ति में लिप्त लगभग 1053 वयस्क व्यक्तियों को रेसक्यू कर सेवाधाम आश्रम भेजा गया तथा लगभग 45 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान भेजा गया।
(Udaipur Kiran) तोमर