Madhya Pradesh

इंदौरः छठ महापर्व पर लोकगीतों की मधुर धुनों के बीच अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

– मुख्यमंत्री ने इंदौर में सूर्य को दिया अर्घ्य, भोपाल के 52 घाटों पर जुटे श्रद्धालु

– हजारों श्रद्धालुओं ने माँगी सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना

इंदौर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सोमवार शाम को लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की अद्भुत छटा उस समय देखने को मिली, जब शहर के सैकड़ों घाटों पर बिहार और पूर्वांचल के हजारों श्रद्धालु अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने एक साथ एकत्रित हुए। पूरा वातावरण उस क्षण आस्था, संगीत और भक्ति से सराबोर था- जब ‘कांच ही बांस के बहँगिया’, ‘उगे हे सूरज देव’ और स्वर्गीय लोकगायिका शारदा सिन्हा के अमर लोकगीतों की स्वर लहरियाँ घाटों पर गूंज रही थीं। श्रद्धालुओं ने जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को नमन करते हुए परिवार, समाज और देश की सुख-समृद्धि, शांति और आरोग्यता की कामना की। शहर के 200 से अधिक छठ घाटों पर उमड़ा जनसैलाब एक अविस्मरणीय दृश्य प्रस्तुत कर रहा था, मानो पूरा बिहार और पूर्वांचल मालवांचल की धरती पर उतर आया हो।

प्रमुख छठ स्थलों- स्कीम नं. 54, अनुपम नगर, स्कीम नं. 78, तुलसी नगर, समर पार्क, पिपलियापाला तालाब, टिगरिया बादशाह, सूर्य मंदिर (कैट रोड), सुखलिया, देवास नाका, मेघदूत नगर, शंखेश्वर सिटी, सिलिकॉन सिटी, एरोड्रम रोड, ड्रीम सिटी, शिप्रा और वक्रतुण्ड नगर में छठ व्रतियों की श्रद्धा देखने योग्य थी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजीं, सिर पर बाँस की सूप और डलिया में प्रसाद लिए गीत गाती घाटों की ओर बढ़ती रहीं।

पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव केके झा ने बताया कि जैसे ही शाम 5 बजकर 52 मिनट पर भगवान भास्कर अस्ताचल में समाने लगे, श्रद्धालुओं ने प्रसाद से भरी टोकरियाँ हाथों में उठाकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। उस पल घाटों पर उपस्थित हर व्यक्ति की आँखों में भक्ति, आभार और अपनापन झलक रहा था। अनेक स्थानों पर रात्रि में भजन संध्याओं का आयोजन हुआ, जिनमें पारंपरिक छठ गीतों की मनोहारी प्रस्तुतियों ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया।

छठ महोत्सव की इस भव्यता में शहर के जनप्रतिनिधि और नेता भी श्रद्धा से सहभागी बने। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी स्थानीय छठ आयोजन में उपस्थित होकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया और व्रतियों को शुभकामनाएँ दीं।

इधर, छठ पूजा के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी के अवसर पर राजधानी भोपाल के सभी 52 घाटों समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में शाम को श्रद्धालु जल और दूध से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने पहुंचे। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग बिहार प्रवास के दौरान पटना पहुंचे और पाटीपुल घाट पर छठ पूजा में शामिल हुए। उन्होंने मां गंगा में संध्या अर्घ्य अर्पित किया और व्रतियों के साथ इस पवित्र पर्व की धार्मिक परंपराओं में भाग लिया। यह प्रवास बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर किया गया है, जिसमें मंत्री सारंग चुनावी तैयारियों और जनसंपर्क के कार्यों में भी लगे हुए हैं।

मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होगा महापर्व

छठ पूजा का यह पावन पर्व मंगलवार सुबह 6 बजकर 29 मिनट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा। अर्घ्य के उपरांत व्रतियों द्वारा ठेकुआ, केले और मौसमी फलों का प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा, जिससे यह पर्व पवित्रता, त्याग और सामूहिक सौहार्द्र का संदेश जन-जन तक पहुँचाएगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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