Madhya Pradesh

हरदा : जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के लिए डेढ़ एकड़ भूमि मंजूर

जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के लिए डेढ़ एकड़ भूमि मंजूर

हरदा, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश के हरदा जिले को जिला आयुर्वेद चिकित्सालय की सौगात मिलने वाली है। जिला कलेक्टर सिद्धार्थ जैन एवं जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा द्वारा प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है। चिकित्सालय के लिए डेढ़ एकड़ भूमि मंजूर हो गई है। अगले वित्तीय वर्ष में संभावना है कि करीब 30 बेड वाले आयुर्वेद जिला चिकित्सालय की सौगात मिल जायेगी। इससे मरीजों को आयुर्वेद पद्धति से बेहतर इलाज की सुविधा मिल जायेगी।

जिले में 18 आयुर्वेद औषधालय –

जिले में कुल 18 आयुर्वेद औषधालय हैं। जिसमें दो ऐलोपैथिक और 16 आयुर्वेद औषधालय हैं। हरदा में 9, टिमरनी में 5 और खिड़किया में 4 आयुर्वेद औषधालय हैं। हरदा ब्लॉक में हरदा में आयुष बैंक आयुर्वेदीक यूनिट, बालागांव, मगरधा, रेलवां, भुन्नास, गहाल, सोनतलाई, रन्हाई कलॉ और मसनगांव में खिरकिया में सोमगांव कलॉ, मांदला, पड़वां, चारूवा और टिमरनी में बिच्छापुर, छिदगांव, तजपुरा, टेमागांव और चारखेड़ा में आयुर्वेद औषधालय संचालित है।

स्टाफ की भारी कमी –

जिले में संचालित 18 आयुर्वेद औषधालयों में स्टाफ की भारी कमी है। पैरा मेडिकल स्टाफ नहीं होने से मरीजों को दवा देने और ड्रेसिंग आदि में दिक्कत होती है। स्वीकृत पद के अनुसार करीब 70 स्टाफ चाहिए, जिसमें से करीब 40 पदस्थ हैं। स्टाफ भी कमी से औषधालयों को संचालित करने में वर्तमान पदस्थ स्टाफ को ज्यादा समय देने के साथ-साथ काम अधिक करना पड़ता है।

रोजाना आते हैं 50 मरीज –

जिला आयुष विंग जिला चिकित्सालय परिसर में मंदिर के पीछे संचालित है। जिसमें करीब 50 मरीज आते हैं। सांस, दमा, गुदा, कब्जियत, जोड़ों के दर्द के मरीज अधिक आते हैं। इलाज के साथ-साथ औषधालय में पंच कर्म की भी सुविधा है। गुदा और चर्म रोग के भी मरीजों का इलाज किया जाता है। चेकअप दवाएं नि:शुल्क दी जाती है।

स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम –

जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. वर्मा ने बताया कि ग्रामीण अंचल के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर शिविर लगाकर मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। स्कूलों में जागरूकता के कार्यक्रम किये जाते हैं। बच्चों को आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में जानकारियां दी जाती है।

शिविर लगाकर किया जाता है इलाज –

जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. वर्मा ने बताया कि शिविर लगाकर मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। शिविर का शेड्यूल जारी किया जाता है। लोगों से शिविर में आकर चिकित्सा सुविधा का लाभ लेने की अपील की जाती है। आयुर्वेद चिकित्सा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। जड़ी बूटियों पर आधारित पूरा इलाज रहता है। आयुर्वेदिक दवाएं तत्काल नहीं थोड़े दिन बाद असर करती है। इन दवाओं के सेवन से मर्ज जड़ से खत्म हो जाता है। बच्चों को भी जागरूक कर बेहतर दिनचर्या के बारे में जानकारी दी जाती है। ग्रामीण अंचल में भी संचालित अस्पताल में अब इलाज कराने काफी मरीज आते हैं और लाभ मिलने पर उनके द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाता है।

जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनील वर्मा, का कहना है कि जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के लिए भूमि मंजूर हो गई है और अस्पताल खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद अस्पताल भवन का काम शुरू होगा।

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(Udaipur Kiran) / Pramod Somani