मुंबई, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार 40 एकड़ जमीन को लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ विपक्ष आक्रामक हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने जहां उनके इस्तीफे की मांग की है तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने पवार परिवार को कौड़ियों के दाम जमीन देने वाले अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है। इधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस का आरोप है कि डीसीएम पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी ने पुणे में 40 एकड़ जमीन भ्रष्ट तरीकों से कब्जा की है। पार्थ पवार ने हजारों करोड़ रुपये की यह जमीन मात्र 300 करोड़ रुपये में खरीदी है और इस पर सिर्फ 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी दी गई है। सरकार की स्वामित्व वाली जमीन का सौदा हुआ ही कैसे? प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि भ्रष्ट उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बर्खास्त करने का साहस मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिखाना चाहिए।सपकाल ने कहा कि अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की “अमेडिया” नाम की कंपनी है और इस कंपनी ने कोरेगांव पार्क इलाके की जमीन बेहद कम कीमत पर हासिल की है। जिस कंपनी ने यह सौदा किया, उस अमेडिया कंपनी की पूंजी केवल 1 लाख रुपये है। अमेडिया कंपनी को इस जगह पर आईटी पार्क बनाना है और इसके लिए सरकार के उद्योग संचालनालय ने केवल 48 घंटे में मंजूरी दे दी। यह सौदा रद्द किया जाए और पूरे मामले से जुड़े अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
सपकाल ने कहा कि इस जमीन सौदे में 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी माफ की गई है। लेकिन किसानों का कर्ज माफ करते समय अजित पवार को दर्द होता है। यह पूरा मामला एक बड़ा घोटाला है, और मुख्यमंत्री फडणवीस को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। इधर शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने पुणे में विरोध प्रदर्शन अजित पवार के इस्तीफे की मांग की।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार